क्या है यूरिया पॉइजनिंग जो पशुओं की जान तक ले सकती है, ऐसे करें उपचार

क्या है यूरिया पॉइजनिंग जो पशुओं की जान तक ले सकती है, ऐसे करें उपचार

पशुओं को खुला रखने पर कभी-कभार पशु यूरिया मिला हुआ चारा खा लेते हैं. वहीं कई बार यूरिया खाद को पशु आहार के साथ रखने से यूरिया रिवास होकर आहार में मिल जाता है, जिससे पशुओं के आहार में यूरिया पॉइजनिंग हो जाती है. यह पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

क्या है यूरिया पॉइजनिंग जो पशुओं का जान तक ले सकती हैक्या है यूरिया पॉइजनिंग जो पशुओं का जान तक ले सकती है
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jan 31, 2024,
  • Updated Jan 31, 2024, 1:38 PM IST

वर्तमान समय में पशुपालन किसानों की पहली पसंद बनता जा रहा है. कमाई के लिहाज से भी पशुपालन किसानों और पशुपालकों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. ऐसे में पशुपालकों के लिए ये जानना जरूरी है कि आप अपने पशुओं के रखरखाव और बेहतर खानपान की जानकारी रखें. वहीं गांव में पशुपालन करने में किसान कई बार ऐसी गलती कर देते हैं जिससे उनके पशुओं की जान चली जाती है. दरअसल गांव के किसान पशुओं को चारागाह या हरी घास वाले खेतों में छोड़ देते हैं. ऐसे में बरसात के दिनों में कई बार पशु विषाक्त घास भी खा लेते हैं जिससे उनकी मौत हो जाती है.

ऐसा ज्यादातर तब होता है जब किसान अपनी फसलों में अधिक मात्रा में यूरिया का प्रयोग करते हैं और पशु यूरिया पॉइजनिंग के शिकार हो जाते हैं. इसलिए पशुपालकों को इस बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि ऐसी कोई दुर्घटना होने पर पशुओं को बचाया जा सके. 

क्या है यूरिया पॉइजनिंग

पशुओं को खुला रखने पर कभी-कभार पशु यूरिया मिला हुआ चारा खा लेते हैं. वहीं कई बार यूरिया खाद को पशु आहार के साथ रखने से यूरिया रिवास होकर आहार में मिल जाता है, जिससे पशुओं के आहार में यूरिया पॉइजनिंग हो जाती है, जो पशुओं के लिए हानिकारक और जानलेवा हो जाता है. ऐसे में पशुओं यूरिया से विषाक्त वाला चारा न खिलाएं.

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क्या हैं इसके लक्षण

पशुओं में यूरिया पॉइजनिंग के लक्षण की बात करें तो अगर आपका पशु बेचैन हो, सुस्त हो, मांसपेशियों में ऐंठन हो, मुंह से अधिक मात्रा में लार आए, बार-बार पेशाब करे या गोबर करे, अफरा और सांस लेने में दिक्कत दिखाई दे तो समझ जाएं कि पशु ने यूरिया पॉइजनिंग वाली किसी चीज को खा लिया है. वहीं अगर पशु ने अधिक मात्रा में खा लिया हो तो उसकी मौत हो जाती है.

यूरिया पॉइजनिंग से बचाव

पशुपालकों को अपने पशुओं को बचाने के लिए यूरिया घोल और उससे मिले चारे से दूर रखना चाहिए. वहीं ध्यान दें कि चारा उपचारित करते समय यूरिया का घोल उचित अनुपात में ठीक तरह से मिलाएं. इन बातों का ध्यान देकर आप अपने पशुओं को मरने और बीमार होने से बचा सकते हैं.

ऐसे करें पशुओं का उपचार

  • पशुओं में पॉइजनिंग का लक्षण दिखाई देने पर पशु को गुड़ या शीरा का शरबत बनाकर ज्यादा से ज्यादा पिलाएं.
  • वहीं लगभग 2 से 5 लीटर पानी में 100 से 200 मिलीलीटर सिरका घोलकर पिलाना चाहिए.
  • इसके अलावा पॉइजनिंग के लक्षण दिखने पर कैल्बोराल या मायफेक्स का 500 मिलीलीटर का इंजेक्शन देना चाहिए.

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