Breeder Bull: नौ करोड़ के युवराज की मौत के बाद ब्रीडर्स में मचा हड़कंप, ऐसे करें बुल की देखभाल 

Breeder Bull: नौ करोड़ के युवराज की मौत के बाद ब्रीडर्स में मचा हड़कंप, ऐसे करें बुल की देखभाल 

Buffalo Breeder Bull प्राकृतिक गर्भाधान (AI) को बढ़ावा देने के लिए हर नस्ल के ब्रीडर सांड तैयार किए जा रहे हैं. पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से खानपान और रहन-सहन से संबंधित एडवाइजरी जारी की जाती हैं. साइंटीफिक होते पशुपालन में गाय-भैंस को गाभि‍न कराने का तरीका भी बदल गया है. 

नासि‍र हुसैन
  • Delhi,
  • Oct 29, 2025,
  • Updated Oct 29, 2025, 8:46 AM IST

Buffalo Breeder Bull नौ करोड़ी बुल युवराज की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है. वहीं युवराज की मौत के बाद से ब्रीडर्स में हड़कंप मच गया है. देखते ही देखते दो महीने के अंदर ही युवराज की मौत हो गई. जानकारों की मानें तो युवराज को नसों संबंधी कोई बीमारी हुई थी. जिसका अच्छा खासा इलाज भी चल रहा था. इलाज नेशनल और स्टेट लेवल पर मिलाकर करीब 27 बार चैम्पि यन रहा है. आज उसके सीमन से पैदा होने वाले बछड़ों की संख्या दो से ढाई लाख है. हरियाणा-पंजाब ही नहीं देश के दूसरे राज्यों में भी युवराज का सीमन बिक्री के लिए जाता था. 

क्योंकि पशुओं को कृत्रिम रूप (AI) से गाभि‍न कराने में खासी जागरुकता आई है. इसलिए अब ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को कृत्रिम रूप से गाभि‍न कराते हैं. फिर वो चाहें गाय-भैंस हो या भेड़-बकरियां. युवराज की मौत को देखते हुए एनिमल एक्सपर्ट ने इस बदलते मौसम और उसके बाद ठंड में बुल की देखभाल की खास हिदायत दी है. उनका कहना है कि ऐसे मौसम में बुल को मौसमी बीमारियों से बचाना भी जरूरी हो जाता है.  

बदल रहा है मौसम ब्रीडर बुल की ऐसे करें देखभाल 

  • बाड़ा ऐसा हो जो सांड को सर्दी-गर्मी से बचाया जा सके. 
  • गर्भाधान का स्थान भैंसों के बाड़े से दूर होना चाहिए.
  • सांड का बाड़ा आरामदायक और बड़ा हो, जहां से वो दूसरे पशुओ को भी देख सके.
  • गर्भाधान के लिये सांड की उम्र कम से कम ढाई साल और वजन 350 किलोग्राम होना चाहिए.
  • कम उम्र के सांड को हफ्ते में दो या तीन बार ही ब्रीडिंग के लिए इस्तेमाल करना चाहिए.
  • दो गर्भाधान के बीच सांड को कम से कम एक दिन का आराम देना चाहिए. 
  • भैंस को ब्रीडर सांड के पास ले जाने से पहले उसकी योनि को पानी-कपड़े से अच्छी साफ करना चाहिए.
  • ब्रीडर सांड का भैंस से संगम कराने के दौरान उसके साथ मारपीट नहीं करनी चाहिए.
  • सांड को प्रतिदिन कम से कम एक घंटा कसरत करानी चाहिए. 
  • सांड की हर रोज मालिश करने के बाद उसे नहलाना चाहिए. 
  • हर छह महीने के बाद सांड के खून की जांच करा लेनी चाहिए. 
  • समय-सयम पर सांड में ब्रुसेलोसिस समेत दूसरे यौन रोग जांच करानी चाहिए.
  • चार्ट के मुताबिक सांड का टीकाकरण कराते रहना चाहिए. 
  • एक्सपर्ट द्वारा बताई गई डाइट ही सांड को देनी चाहिए. 
  • खूंखार सांड से किसान की सुरक्षा का इंतजाम बाड़े में जरूर करें.

निष्कर्ष-

अगर आप भी इस नए बढ़ते बाजार में सीमन बेचकर लाखों रुपये कमाना चाहते हैं तो आज से ही ब्रीडर बुल को तैयार करना शुरू कर दें. उसके रहन-सहन, खानपान, हैल्थ और उसकी देखाभाल पर खास ध्यान देना शुरू कर दें. दूसरे देशों में प्रति पशु दूध उत्पादन ज्यादा है, इसी कमी को दूर करने के लिए सरकारें भी कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दे रही है. 

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