Green Fodder बकरी का दूध और बकरे का वजन बढ़ाना है तो ऐसे चराएं रोजाना, पढ़ें डिटेल 

Green Fodder बकरी का दूध और बकरे का वजन बढ़ाना है तो ऐसे चराएं रोजाना, पढ़ें डिटेल 

दूध और मीट के लिए पाले जाने वाले सभी पशुओं के लिए एनिमल एक्सपर्ट की ओर से हरे चारे की मात्रा तय की गई है. यह मात्रा पशु की उम्र, उसके वजन के आधार पर तय होती है. लेकिन अगर आपने चारे की मात्रा कम कर दी, ज्यादा दे दी या फिर कई-कई दिन तक हरे चारे की एक डाल भी नहीं खिलाई है तो इसका असर पशु के उत्पादन पर पड़ता है. 

बकरीपालनबकरीपालन
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jun 04, 2024,
  • Updated Jun 04, 2024, 11:57 AM IST

भेड़-बकरी हों या गाय-भैंस, सभी को तीन तरह की खुराक दी जाती है. इसमे हरा और सूखा चारा समेत मिनरल मिक्चरर शामिल है. एनिमल एक्सटपर्ट का कहना है कि इसमे हरा चारा ऐसी खुराक है जो सभी पशुओं में दूध का उत्पासदन तो बढ़ाता ही है, साथ में उनकी ग्रोथ भी बढ़ती है. हरा चारा गाय-भैंस और भेड़-बकरी का पेट भरने के साथ ही बहुत सारे मिनरल्स, प्रोटीन और खास विटामिन की जरूरतों को भी पूरा करता है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा के साइंटिस्ट का मानना है कि अगर हरा चारा वक्त से और सही तरीके से खिलाया जाए तो बकरे-बकरी में इसके और भी बहुत सारे फायदे होते हैं. 

बकरे-बकरियों को अगर उनकी आदत के मुताबिक हरा चारा खिलाया जाए तो ये दवाई का काम भी करता है. सूखे और दानेदार चारे के साथ हरा चारा भी बेहद जरूरी है. अगर हरा चारा कम रह गया, ज्यादा दे दिया या बिल्कुल ही नहीं दिया तो इससे बकरी के साथ ही उसके होने वाले बच्चे पर भी इसका असर देखने को मिलता है. 

ये भी पढ़ें: Dairy Milk: जानें कैसे पशुपालक से महंगा दूध खरीदकर पाउच में कम दाम पर बेचती हैं डेयरी 

बकरी को ऐसे खिलाया हरा चारा तो देगी ज्यादा दूध 

सीआईआरजी के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. अशोक कुमार ने किसान तक को बताया कि गाय-भैंस और भेड़ के मुकाबले हरे चारे को बकरी थोड़ा अलग तरीके से खाती है. आप सामान्य तौर पर जब भी बकरी को हरा चारा खाते देखेंगे तो पाएंगे कि बकरी मुंह ऊपर की ओर करके हरे चारे को बड़े ही चाव से खाती है. ऐसा करना बकरी को तो अच्छा लगता ही है, लेकिन कोई भी चीज जब चाव से खाई जाती है तो वो शरीर को और ज्यादा फायदा पहुंचाती है. 

इसलिए बकरे और बकरियों को हरा चारा खिलाने के दौरान कोशिश करें कि उसे खुले मैदान, जंगल या खेत में ले जाएं. अगर यह सब मुमकिन न हो तो हरे चारे का गट्ठर बनाकर बकरी के सामने उसे थोड़ा ऊंचाई पर टांग दें या फिर बकरी की हाइट से थोड़ा ऊपर रख दें. कहने का मतलब यह है कि चारे को जमीन पर न डालें. नीचे गर्दन करके हरा चारा खाने में बकरी को मजा नहीं आता है. 

ये भी पढ़ें: Artificial Insemination: 300 रुपये में मिलेगी एक हजार वाली सेक्स सॉर्टेड सीमेन की स्ट्रा, जानें कैसे

बकरी और उसके बच्चे के लिए फायदेमंद है हरा चारा   

डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि हरे चारे में प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन ए होता है. सभी तरह के पशुओं समेत खासतौर पर बकरी को इस सबकी बहुत जरूरत होती है. हरे चारे में शामिल विटामिन ए न सिर्फ बकरी के लिए जरूरी है बल्कि उसके होने वाले बच्चे में इसकी कमी हो जाए तो उसकी ग्रोथ रुक जाएगी, सिर बड़ा हो जाएगा और आंखों की परेशानी भी बढ़ जाएगी. लेकिन यही हरा चारा अगर ज्यादा हो जाए तो बकरी को डायरिया यानि दस्त हो जाते हैं और उसमे पोषण की कमी होने लगती है. 

 

MORE NEWS

Read more!