एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक नर पशु के वीर्य को मादा पशु में उपकरणों की मदद से सही वक्त पर ट्रांसफर कर दिया जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान वीर्य को कई-कई दिन नहीं महीनों तक नाइट्रोजन के सिलेंडर में रखने के बाद एक जगह से दूसरी जगह तक भेजा जाता है. वीर्य को एक स्ट्रॉ में रखकर पशुपालकों को बेचा भी जाता है. एक स्टडी बताती है कि अगर उचित तापमान बनाए रखते हुए वीर्य को रखा जाए तो एक लम्बे वक्त तक इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. जैसे एक खास नर पशु के वीर्य को 16 साल तक जमा कर रखा गया था. और जब उसका इस्तेमाल मादा पशु में किया गया तो उसने एक हेल्दी बछड़े को जन्म दिया था.
कृत्रिम गर्भाधान एक-दो नहीं कई मायनों में पशुपालकों के लिए फायदेमंद है. प्राकृतिक गर्भाधान के मुकाबले ये सस्ता और सिक्योर भी होता है. कृत्रिम गर्भाधान में बेहतर गुणवत्ता वाले बैलों के जर्मप्लाज्म का इस्तेमाल दूर-दराज के स्थानों पर प्रभावी ढंग से किया जा सकता है. कृत्रिम गर्भाधान को अपनाने से फार्म स्टॉक में जननांग और गैर-जननांग दोनों तरह की बीमारियों में काफी कमी आ जाती है. पशुओं की नस्ल में सुधार आता है. इतना ही नहीं पशु का दूध उत्पादन भी बढ़ जाता है.
पशुपालन में ये हैं कृत्रिम गर्भाधान के फायदे
- डेयरी फार्म पर पशु झुंड के लिए ब्रीडर सांड रखने की कोई जरूरत नहीं होती, इसलिए ब्रीडर सांड की लागत बच जाती है.
- कृत्रिम गर्भाधान जननांग रोगों के कारण होने वाली बीमारियों और बांझपन को रोकता है. जैसे, संक्रामक गर्भपात, विब्रियोसिस आदि.
- संग्रह के बाद वीर्य की नियमित जांच और प्रजनन क्षमता की लगातार जांच से आंतरिक नरों का शीघ्र पता लगाया जा सकता है और बेहतर प्रजनन क्षमता सुनिश्चित की जा सकती है.
- संतान परीक्षण प्रारंभिक आयु में किया जा सकता है.
- वांछित आकार के वीर्य का इस्तेमाल उस विशेष नर की मृत्यु के बाद भी किया जा सकता है.
- एकत्रित वीर्य को गर्भाधान के लिए शहरी क्षेत्रों या ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाया जा सकता है.
- कृत्रिम गर्भाधान से किसी भी जानवर को चोट पहुंचाए बिना आकार में बहुत अंतर वाले जानवरों के बीच प्रजनन को संभव बनाता है.
- कृत्रिम गर्भाधान उन पशुओं को गर्भाधान करने में सहायक है जो खड़े होने से इंकार कर देते हैं या संभोग के समय नर को स्वीकार नहीं करते हैं.
- कृत्रिम गर्भाधान से गर्भधारण की दर बढ़ जाती है.
- बूढ़े, भारी और घायल ब्रीडर सांड का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
- कृत्रिम गर्भाधान के लिए प्रशिक्षित संचालन और विशेष उपकरण की आवश्यकता होती है.
- कृत्रिम गर्भाधान में प्राकृतिक सेवाओं की तुलना में ज्यादा वक्त लगता है.
- कृत्रिम गर्भाधान में ऑपरेटर के लिए प्रजनन की संरचना और कार्य का ज्ञान जरूरी है.
- उपकरणों की ठीक से सफाई न होने पर प्रजनन क्षमता कम हो सकती है.
- यदि सांड का उचित परीक्षण नहीं किया गया तो जननांग संबंधी बीमारियों का प्रसार बढ़ जाएगा.
- बैलों के लिए बाजार कम हो जाएगा, जबकि श्रेष्ठ बैलों के लिए बाजार बढ़ जाएगा.
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