Tharparkar Cow: देश में डेयरी व्यवसाय पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ा है. वहीं आने वाले कुछ वर्षों में और ज्यादा वृद्धि होने की संभावनाएं हैं. अगर आप पशुपालक हैं और डेयरी व्यवसाय में गाय पालन के माध्यम से अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो गाय की देसी नस्ल थारपारकर का पालन कर सकते हैं. गाय की यह देसी नस्ल भारत की सर्वश्रेष्ठ दुधारू गायों में गिनी जाती है. थारपारकर का नाम इसके उत्पत्ति स्थल यानी थार रेगिस्तान से लिया गया है. वहीं थारपारकर नस्ल के मवेशी पश्चिमी राजस्थान को कवर करने वाली भारत-पाक सीमा और गुजरात में कच्छ के रण तक पाए जाते हैं.
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मुताबिक थारपारकर नस्ल की गायें औसतन एक ब्यान्त में 1749 लीटर तक दूध देती हैं. वहीं इस नस्ल की गायें हर रोज 12 से 16 लीटर तक दूध देती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं गाय की देसी नस्ल थारपारकर की पहचान, कीमत और विशेषताएं-
भीषण गर्मी व सर्दी को सहन करने की क्षमता रखने वाली थारपारकर गाय की दूध व घी की काफी ज्यादा मांग रहती है. यह गाय हर रोज 10 से 16 लीटर तक दूध देती है. जहां तापमान बढ़ने के साथ गाय के अन्य नस्लों का दूध उत्पादन घट जाता है. वहीं, ऐसी परिस्थितियों में भी थारपारकर गाय के दूध उत्पादन पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है. इसके अलावा, औसत दूध उत्पादन 913-2147 लीटर प्रति ब्यान्त होता है.
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• थारपारकर नस्ल के मवेशी सफेद या हल्के भूरे रंग के होते हैं.
• सर्दी के मौसम में इनके शरीर पर काले रंग के बाल उग आते हैं.
• सिर मध्यम आकार का माथा चौड़ा तथा ललाट उभरा हुआ होता है.
• सींग आकार में छोटे से मध्यम होते हैं.
• अधिकांश मवेशियों के सींग बाहर, ऊपर, अंदर की ओर; और कुछ जानवरों में बाहर और ऊपर की ओर मुड़े होते हैं.
• कान लंबे चौड़े होते हैं तथा कान के अंदर की त्वचा हल्की पीली होती है.
• पूंछ लंबी और पतली होती है.
• प्रौढ़ नर के शरीर का औसत भार 470-500 किलोग्राम और मादा का औसत भार 280-300 किलोग्राम होता है.
• थारपारकर नस्ल के गायों की ऊंचाई 130 सेमी होती है.
थारपारकर गाय की कीमत दूध देने की क्षमता, उम्र और स्वास्थ्य और स्थान पर निर्भर करता है. वहीं देश में थारपारकर गाय की कीमत 20 हजार से लेकर 60 हजार रुपये तक है.
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