Bakrid: कुर्बानी के लिए उत्तर भारत में बकरों की लग रही बोली, जानें आपके राज्य में कौनसा बिक रहा है

Bakrid: कुर्बानी के लिए उत्तर भारत में बकरों की लग रही बोली, जानें आपके राज्य में कौनसा बिक रहा है

बकरीद के बकरे वजन, बकरे की खूबसूरती और उसकी तंदरुस्ती के हिसाब से खरीदे जाते हैं. और अगर एक बकरे में ये सब खूबियां चाहिए तो फिर अपने राज्य के हिसाब से प्योर नस्ल के बकरे में ही ये सभी खूबिया मिलेंगी. हालांकि बकरीद के दौरान दूसरे राज्यों के बकरे में हाट और बाजार में बिकने के लिए आते हैं. 

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 01, 2025,
  • Updated May 01, 2025, 3:23 PM IST

कुर्बानी के त्यौहार बकरीद में करीब एक महीना बाकी है. इसी के चलते बकरों के बाजार में तेजी आने लगी है. अपनी सहुलियत के हिसाब से लोगों ने कुर्बानी के बकरों की खरीद शुरू कर दी है. जिसके पास बकरे को पालने की जगह होती है तो वो एक-दो महीने पहले से बकरे खरीदना शुरू कर देते हैं. और जिनके पास जगह की कमी होती है तो वो बकरीद से तीन-चार दिन पहले ही बकरे खरीदते हैं. बकरों की बात करें तो देश में 41 नस्ल के बकरे हैं. 

हर राज्य में उसकी मूल नस्ल के बकरे पाले जाते हैं. जैसे यूपी में बरबरी और राजस्थान में सोजत और सिरोही. इसी तरह से पंजाब में बीटल और पश्चिैम बंगाल में ब्लैक बंगाल है. हालांकि आसपास के दूसरे राज्यों में भी इन्हें पाला जा सकता है, लेकिन फिर उनकी इतनी अच्छी ग्रोथ नहीं होगी जितनी उनके मूल राज्य में हो सकती है. अगर आपको भी कुर्बानी के लिए बकरा खरीदना है तो अपने राज्य के हिसाब से मूल नस्ल का बकरा खरीद सकते हैं. 

यूपी, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में मिलेंगे ये बकरे 

गोट एक्सपर्ट का कहना है कि वैसे तो यूपी, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में बकरों की दर्जनों नस्ल पाई जाती हैं. लेकिन जो खास नस्ल सबसे ज्यादा डिमांड में रहती हैं उसमे सिरोही की संख्या (19.50 लाख), मारवाड़ी (50 लाख), जखराना (6.5 लाख), बीटल (12 लाख), बारबरी (47 लाख), तोतापरी, जमनापरी (25.50 लाख) हैं. यह सभी नस्ल खासतौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के इलाकों में पाई जाती हैं. यह वो इलाके हैं जहां इस नस्ल की बकरियों के हिसाब से झाड़ियां और घास इन्हें चरने के लिए मिल जाती हैं.  

अगर राजस्थान की बात करें तो तीन और खास नस्ल के बकरे यहां पाले जाते हैं. इसमे प्रमुख रूप से हैं सोजत, गुजरी और करोली. एक्सपर्ट का कहना है कि तीनों ही नस्ल को मीट के लिए बहुत पसंद किया जाता है. महाराष्ट्र में तो सोजत और गुजरी को स्पेशल खुराक देकर और अच्छी तरह से देखभाल कर उसे 100 से सवा सौ किलो तक तैयार कर दिया जाता है.

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