बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सहित पूरे देश भीषण गर्मी पड़ रही है. इससे इंसान के साथ-साथ पशु-पक्षी भी परेशान हो गए हैं. खास बात यह है कि चिलचिलाती धूप के साथ गर्म हवाएं भी चल रही हैं. इससे मवेशियों को भी लू लगाने का खतरा बढ़ गया है. खास कर पोल्ट्री फार्म में गर्मी और लू से मुर्गियां ज्यादा बीमार पड़ रही हैं. अगर झुलसा देने वाली इसी तपिश में सही तरीके से मुर्गियों की देखभाल नहीं की गई, तो उन्हें लकवा भी लग सकता है. इसलिए दोपहर में मुर्गियों को धूप और लू से जरूर बचाएं.
दरअसल, मुर्गियां बहुत ही संवेदनशील होती हैं. उनके स्वास्थ्य पर मौसम परिवर्तन का बहुत जल्द असर पड़ता है. खास कर बहुत अधिक गर्मी और बहुत अधिक सर्दी मुर्गियों को बहुत परेशान करती हैं. इस दौरान उनकी असामयिक मौतें भी होती हैं. खास बात यह है कि गर्मी के मौसम में मुर्गियों में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए उन्हें गर्मी से बचाने के लिए बाड़े में कुलर या पंखे की व्यवस्था करें. इसके अलावा मुर्गियों के शरीर को ठंडा रखने के लिए उनके ऊपर समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहें. इससे उन्हें लू लगने की संभावना बहुत कम रहती है.
ये भी पढ़ें- राजस्थान में गेहूं, सरसों और चने का कितना चल रहा भाव, बिक्री से पहले जान लें किसान
एक्सपर्ट की माने तो मुर्गियां बहुत ही संवेदनशील प्राणी हैं. वे ज्यादा सर्दी या गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाती है. मौसम में बदलाव आने पर वह तनाम में आ जाती हैं. इससे मुर्गियां अंडा देना कम कर देती हैं. साथ ही उनके अंडे का आकार भी छोटा हो जाता है. वहीं, ज्यादा गर्मी बढ़ने पर मुर्गियां हीट स्ट्रोक की चपेट में आ जाती हैं. इससे मुर्गियों को लकवा का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए गर्मी से बचाने के लिए मुर्गी के बाड़े को चारे तारफ से जुट के बोरे बांध दें और उसके ऊपर पानी का छिड़काव करते रहें. इससे बाड़े में ठंडी हवा आती रहेगी. ऐसे में मुर्गियों के ऊपर गर्मी का असर नहीं पड़ेगा.
गर्मी के मौसम में मुर्गियों को पानी बहुत पिलाएं. उनके बारे में 24 घंटे पानी रखें. यदि हो सकती तो पानी हमेशा मिट्टी के बर्तन में ही रखें. इससे पानी गर्म नहीं होता है. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि पोल्ट्री फार्म में चूजों की अपेक्षा बड़ी मुर्गियों में हीट स्ट्रोक की समस्या बहुत अधिक होती है. चूजे 42 डिग्री तक का तापमान सह सकते हैं, लेकिन मुर्गियां इस तापमान को सहन नहीं कर सकती हैं. इससे बचाने के लिए चारों तरफ टाट के बोरे लगाकर पानी का छिड़काव करें.
ये भी पढ़ें- मलिहाबाद की फल पट्टी अब वन पट्टी में हो रही है तब्दील, आम की गिरती हालत से मैंगो मैन परेशान