राजस्थान में मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) पर किसानों से सरसों, गेहूं और चने की खरीद की जा रही है. इसके बावजूद भी अपनी उपज को बेचने के लिए किसान भारी संख्या में क्रय केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं. बात अगर राजसमंद जिले की करें तो यहां पर करीब 219 किसानों से गेहूं की खरीद की गई है. इसके बदले कई किसानों को भुगतान भी कर दिया गया है. खास बात यह है कि राज्य में 10 मार्च से रबी उपज की खरीद हो रही है, जो 30 जून तक जारी रहेगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में 73 किसानों ने चने की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. लेकिन अभी तक चना लेकर एक भी किसान क्रय केंद्र पर नहीं पहुंचा है. इसके चलते जिले में अभी तक चने का एक भी दाना नहीं खरीदा गया है. हालांकि, जिले में एमएसपी पर चने की खरीद के लिए 20 जनवरी से ही रजिस्ट्रेशन हो रही है. ऐसे जिले में 3 अप्रैल से एमएसपी पर गेहूं की खरीद हो रही है. इसके बाद सरसों और चने की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई.
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हालांकि, एक महीना गुजर जाने के बाद भी मंडियों में चने की खरीद नहीं हो पाई है, क्योंकि किसान उपज लेकर क्रय केंद्र पर नहीं पहुंच रहे हैं. कहा जा रहा है कि ओपन मार्केट में चने का रेट एमएसपी से ज्यादा है. इसलिए किसान सरकारी खरीद केंद्र पर जाने के बजाए खुले बाजार में जाकर चना बेच रहे हैं. वहीं, जिले में अब तक 219 किसानों से 10661 क्विंटल से अधिक की गेहूं की खरीद की गई है. ऐसे राज्य सरकार इस बार प्रदेश में 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीद रही है.
वहीं, राजस्थान में चने का एमएसपी 5440 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है. लेकिन मार्केट में चने के भाव 5800-6000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है. इसके कारण किसान खरीद केन्द्रों पर चना बेचने नहीं जा रहे हैं. इसके चलते अभी तक चना खरीद का खाता तक नहीं खुला है. जबकि प्रदेश में 5650 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सरसों की खरीद की जा रही है. कुंवारिया जीएसएस पर सरसों की 4 किसानों से खरीद की गई है. लेकिन जिले की कई क्रय केंद्रों पर अभी तक एक दाना भी सरसों की आवक नहीं हुई है.
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