
Doctor Crisis डेयरी हो या पोल्ट्री, दोनों ही सेक्टर तेजी से बढ़ रहे हैं. डेयरी की बात करें तो हर साल दूध उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है. दूध उत्पादन में भारत पहले नंबर पर है. इसी तरह से अगर पोल्ट्री की बात करें तो अंडे समेत चिकन का प्रोडक्शन बढ़ रहा है. अंडा उत्पादन में देश दूसरे तो चिकन में चौथे स्थान पर है. इसी के चलते देश में गाय-भैंस, भेड़-बकरी और मुर्गे-मुर्गियों की संख्या बढ़ रही है. विश्व में दूध देने वाले सबसे ज्यादा पशुओं की संख्या हमारे देश में है.
लेकिन परेशान करने वाली बात ये है कि जहां पशुओं की संख्या ज्यादा है वहीं पशु चिकित्सकों की संख्या कम है. बीमार होने पर पशुओं को ठीक तरह से चिकित्सकों की सेवा नहीं मिल पा रही है. देश में 10 हजार से ज्यादा पशु चिकित्सकों की कमी है. ये आंकड़ा 25 फीसद के करीब है. सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि जिन राज्यों में पशुओं और पोल्ट्री की संख्या ज्यादा है वहीं पशु चिकित्सकों की सबसे ज्यादा कम हो रही है.
केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में पशु चिकित्सकों के 40603 पद स्वीकृत हैं. वहीं इसके मुकाबले खाली पदों की बात करें तो उनकी संख्या 10474 है. ये आंकड़ा करीब 25 फीसद है. इसमे भी अकेले सात बड़े राज्य करीब सात हजार चिकित्सकों की कमी का सामना कर रहे हैं. सबसे ज्यादा कमी राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में है. महाराष्ट्र 2165, राजस्थान 1367 और कर्नाटक में 1136 पद पशु चिकित्सकों के खाली हैं. इसके अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार में भी पशु चिकित्सकों की संख्या बहुत कम हैं. उत्तर प्रदेश 560, पंजाब 560, गुजरात 923 और बिहार में 860 पशु चिकित्सकों के पद खाली हैं. और मंत्रालय का ही आंकड़ा बताता है कि इन राज्यों में ही पशुओं की संख्या ज्यादा है.
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, एवियन इंफ्लूंजा समेत और भी न जानें ऐसी कितनी महामारी हैं जो पशु-पक्षियों से इंसानों में आई हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 17 लाख वायरस जंगल में फैले होते हैं. इसमे से बहुत सारे ऐसे हैं जो जूनोटिक हैं. जूनोटिक वो होते हैं जो पशु-पक्षियों से इंसान में फैलते हैं. जूनोटिक के ही दुनिया में हर साल 100 करोड़ केस सामने आते हैं और इससे 10 लाख की मौत हो जाती हैं. अब वर्ल्ड लेवल पर इस पर काबू पाने की कवायद शुरू हो गई है.
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