
Help for Dairy farmer किसानों की इनकम डबल हो जाए. किसान तंगी के चलते आत्महत्या न करें, इसे लेकर कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. हाल ही में महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठावाड़ा को ध्यान में रखते हुए एक खास योजना की शुरुआत की गई है. गौरतलब रहे विदर्भ और मराठवाड़ा से किसानों द्वारा आत्महत्या करने के मामले सामने आते रहते हैं. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की मदद से सरकार पशुपालकों को कई बड़ी योजनाओं का लाभ देगी. योजना के तहत पशुपालकों को उच्च नस्ल की गाय-भैंस समेत चारा भी दिया जाएगा.
इतना ही नहीं चारा काटने और चारे का साइलेज बनाने वाली मशीन भी दी जाएगी. एनडीडीबी के साथ इस काम में मदर डेयरी भी शामिल रहेगी. बीते कुछ वक्त पहले ही केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और पर्यावरण एवं पशुपालन राज्य मंत्री पंकजा मुंडे के बीच हुई एक बैठक में इस योजना पर मुहर लगाई गई थी.
नई दिल्ली में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि योजना के तहत पशुपालकों को साल के 12 महीने मिलने वाले चारा उत्पादन के लिए सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही इलेक्ट्रिक चारा काटने वाली मशीन और साइलेज का वितरण किया जाएगा. उत्पादकता और इनकम बढ़ाने के लिए किसानों को आधुनिक डेयरी प्रबंधन पद्धतियों से अवगत कराने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इन योजनाओं का फायदा महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा के पशुपालकों को खासतौर पर दिया जा रहा है. गौरतलब रहे ये इलाके किसानों की आत्महत्याओं के लिए कुख्यात हैं. सरकार को उम्मीद है कि दूध व्यवसाय से इन इलाकों में कृषि संकट को दूर करने और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलेगी.
इस योजना के तहत इस बात का भी खास ख्याल रखा जाएगा कि किसानों को ज्यादा दूध देने वाली गाय और भैंसें मिलेंगी, साथ ही दूध में वसा और एसएनएफ (ठोस-वसा रहित) की मात्रा बढ़ाने के लिए एनिमल ब्रीडिंग स्प्लीमेंट और डाइट एडिटिव्स भी दिए जाएंगे.
केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), भारत सरकार (जीओआई) की राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) योजना के तहत चलाई जा रही कृत्रिम गर्भाधान (एआई) परियोजना में मराठवाड़ा क्षेत्र के किसानों को गुणवत्तापूर्ण एआई सेवाएं देने के लिए 273 एआई केंद्र बनाए गए हैं. एआई केंद्रों ने अब तक पारंपरिक वीर्य का इस्तेमाल करके करीब दो लाख एआई और सेक्स सॉर्टेड सीमन का इस्तेमाल करके 12024 एआई किए हैं.
इन एआई से अब तक क्षेत्र में 20,979 आनुवंशिक रूप से बेहतर बछड़ों ने जन्म लिया है. दूध का लाभकारी मूल्य प्रदान करने और दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए तकनीकी इनपुट देने के लिए एनडीडीबी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड (एमडीएफवीपीएल) परिचालन क्षेत्र में नांदेड़ जिले के 247 गांव शामिल हैं. दूध संग्रह के बुनियादी ढांचे में 187 दूध पूलिंग पॉइंट, 15 बल्क मिल्क कूलर और एक मिल्क चिलिंग सेंटर शामिल किया गया है.
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