Dairy Animal साल 2025 की पशुपालन की वार्षिक रिपोर्ट जारी हो चुकी है. रिपोर्ट में डेयरी, पोल्ट्री और मीट उत्पादन के आंकड़े जारी किए जाते हैं. अच्छी बात ये है कि रिपोर्ट के मुताबिक भारत एक बार फिर दूध उत्पादन में नंबर वन की पोजिशन पर बरकरार है. बीते साल के मुकाबले भारत में करीब एक करोड़ टन दूध का उत्पादन बढ़ गया है. कई बड़े देश दूध उत्पादन के मामले में भारत से बहुत पीछे हैं. इतना ही नहीं गाय के दूध उत्पादन में भी भारत अमेरिका को पछाड़कर नंबर वन की पोजिशन पर आ गया है. हालांकि डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि देश में दूध उत्पादन का आंकड़ा और बड़ा हो सकता है, अगर सभी दुधारू पशु रोजाना दूध देने लगें.
गौरतलब रहे एक आंकड़े के मुताबिक देश में 35-40 फीसद पशु ही दूध देते हैं. वहीं प्रति पशु दूध उत्पादन भी कम है. डेयरी एनिमल न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले का कहना है कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह पशुओं को बैलेंस्ड डाइट न मिलना है. असल में एक दुधारू पशु को जितने हरे-सूखे चारे, दाना और मिनरल्स की जरूरत होती है वो उसे मिल नहीं रहा है. बाजार में चारे के दाम भी बहुत बढ़ गए हैं.
दूध उत्पादन न बढ़ने पर बोले एक्सपर्ट
- डेयरी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले दूध उत्पादन न बढ़ने की कई वजह बताई हैं.
- साल 2024 में हमारे देश में 24 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था.
- इसमे से 55 फीसद हिस्सेदारी भैंस की तो 45 फीसद गाय की है.
- कुल दूध उत्पादन में बकरी के दूध की हिस्सेदारी तीन फीसद है.
- हमारे देश में 30 करोड़ पशु दूध देने वाले हैं.
- लेकिन 30 करोड़ में से सिर्फ 10 करोड़ पशु ही दूध देते हैं.
- पशुपालक का पूरा ध्यान पशु से ज्यादा से ज्यादा दूध लेने पर रहता है.
- लेकिन पशुपालक दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं के खानपान पर ध्यान नहीं देते हैं.
- एक सामान्य गाय-भैंस को कम से कम 10 किलो हरा चारा चाहिए.
- वहीं हरे चारे के साथ पांच किलो सूखा चारा जरूर खिलाना चाहिए.
- अगर गाय-भैंस 10 किलो दूध देती है तो उसे कम से कम पांच किलो मिनरल मिक्चर चाहिए.
क्या इसलिए भी नहीं बढ़ रहा है दूध उत्पादन
- इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरएस सोढ़ी ने और भी कई वजह बताई हैं.
- हमारे देश में बहुत सारे लोग तीन-चार गाय-भैंस का पालन करते हैं.
- ऐसे में उनके दूध की कमाई का एक बड़ा हिस्सा चारे और मिनरल्स खरीदने में खर्च हो जाता है.
- मक्का और सोयाबीन के बढ़ते दाम किसी से छिपे नहीं हैं.
- मक्का-सोयाबीन खाने को ना दें तो पशु के दूध में अच्छी फैट नहीं आएगी.
- पशुपालक मिनरल्स की कमी को पूरा करने के लिए हरा चारा ज्यादा खिलाते हैं.
- न्यूट्रिशन एक्सपर्ट के मुताबिक ये तरीका गलत है.
- क्वालिटी दूध के लिए हरे-सूखे चारे और मिनरल्स की मात्रा दूध उत्पादन के मुताबिक देनी चाहिए.
- दूध की लागत भी दूध का उत्पादन बढ़ाकर ही कम की जा सकती है.
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