दुधारू पशुओं की हैल्थ को लेकर हर स्तर पर रिसर्च हो रही है. इतना ही नहीं कोशिश की जा रही है कि गांवों में मौजूद हर एक पशु का इलाज हो. यही वजह है कि अब पशुओं से जुड़ी हर एक छोटी और बड़ी बीमारी पर चर्चा होती है. बीमारी का इलाज खोजा जाता है और पशुओं को उसका फायदा भी पहुंचाया जाता है. हाल ही में कोरिया गणराज्य की कोंकुक यूनिवर्सिटी के पशु चिकित्सा महाविद्यालय में प्रोफेसर ही-म्यांग पार्क ने गुरू अंगद देव एनिमल साइंस एंड वेटरनरी यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना का दौरान किया.
इस दौरान उन्होंने पशुओं से जुड़ी नेफ्रोलॉजी और हेमोडायलिसिस के बारे में बात की. साथ ही उन्होंने बताया कि तरह से हेमोडायलिसिस की मदद से इंसानों को इलाज किया जा रहा है, लेकिन अब पशुओं का इलाज करने में भी हेमोडायलिसिस की मदद ली जा रही है. वहीं प्रोफेसर पार्क ने गडवासु की डायलिसिस यूनिट समेत वेटरनरी अस्पताल की दूसरी यूनिट का भी निरीक्षण किया और पशुओं के इलाज में इस्तेमाल हो रही टेक्नोलॉजी की खुलकर तारीफ की.
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प्रो. पार्क ने गडवासु दौरे के दौरान शिक्षण पशु चिकित्सा क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स (TVCC) विभाग में छात्रों से बातचीत भी की. उनके साथ अपने अनुभव साझा किए. साथ ही इस मौके पर उन्होंने नॉर्थ इंडिया की एकमात्र पशु चिकित्सा डायलिसिस यूनिट भी देखी. उन्होंने पशु चिकित्सा पेशेवरों और छात्रों के साथ बातचीत की, गुर्दे के स्वास्थ्य प्रबंधन और पशु चिकित्सा में डायलिसिस तकनीकों के अनुप्रयोग पर अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान किया. उन्होंने अत्याधुनिक तकनीक के एकीकरण और यूनिवर्सिटी में पशु रोगियों की उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान करने की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया.
कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने भी प्रो. पार्क के साथ बातचीत की और पशु स्वास्थ्य सेवा में उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए निरंतर सीखने और अनुभवों को साझा करने के महत्व पर जोर दिया. डॉ. सिंह ने कहा कि पशु चिकित्सा डायलिसिस तकनीकों पर प्रस्तावित वैश्विक कार्यशाला दुनियाभर में पशु चिकित्सा देखभाल में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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किडनी की चोट और उसके फेल होने पर.
वक्त के साथ गुर्दे की कार्य क्षमता में कमी होने पर.
मूत्र में लाल रक्त कोशिकाओं की मौजूदगी पर.
मूत्र में सीरम प्रोटीन की बढ़ी हुई मौजूदगी पर.
पशुओं को गुर्दे की पथरी होने पर.
हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होने पर.
एसिड बेस और इलेक्ट्रोलाइट्स की परेशानी होने पर.