दूध उत्पादन के मामले में भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. कुल दूध उत्पादन सालाना 23 करोड़ टन से बढ़कर 24 करोड़ टन हो गया है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बना हुआ है. हालांकि चिंताजनक बात ये है कि बीते कुछ साल से जिस तेज रफ्तार से कुल दूध उत्पादन बढ़ रहा था उस रफ्तार में कुछ कमी आई है. कुल दूध उत्पादन में चार फीसद की बढ़ोतरी हुई है. जबकि पांच साल पहले ही करीब साढ़े छह फीसद की बढ़ोतरी हुई थी. दूसरी ओर, सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक भैंसों का दूध उत्पादन घट गया है. ये बेहद चिंताजनक बात है.
नेशनल मिल्क डे के मौके पर केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने दूध उत्पादन से जुड़े कुछ आंकड़े जारी किए हैं. बताया जा रहा है कि ये आंकड़े एक सर्वे के आधार पर जारी किए गए हैं. सर्वे के मुताबिक गायों का दूध उत्पादन बढ़ा है. लेकिन कुल मिलाकर दूध उत्पादन से जुड़ी ये खबर खासी परेशान करने वाली है.
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दूध उत्पादन से जुड़े ये आंकड़े जारी किए गए हैं
- वित्त वर्ष 2024 में भारत का दूध उत्पादन चार फीसद बढ़कर 24 करोड़ टन हो गया.
- वित्त वर्ष 2023 में भारत का दूध उत्पादन 23 करोड़ टन रहा था.
- भैंसों के दूध उत्पादन में सालाना 16 फीसद की गिरावट आई है.
- बीते दो वित्तीय वर्षों में वार्षिक वृद्धि दर बहुत धीमी हो गई है.
- साल 2017-18 में वृद्धि दर 6.62 फीसद थी, 2019 में 6.47 फीसद थी.
- वित्त वर्ष 2020 में 5.69 फीसद और वित्त वर्ष 2021 में 5.81 फीसद रही.
- वित्त वर्ष 2022 में 5.77 फीसद और वित्त वर्ष 2023 में घटकर 3.83 फीसद रह गई.
- वित्त वर्ष 2024 में कुल दूध उत्पादन दर 3.78 फीसद ही रह गई है.
- हर रोज प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2023 में 459 ग्राम से बढ़कर 2024 में 471 ग्राम हो गई है.
- 10 साल में भारत का दूध उत्पादन औसत छह फीसद देर से बढ़ा, वैश्विक औसत दो फीसद का है.
- विदेशी और संकरित मवेशियों के दूध उत्पादन में आठ फीसद की बढ़ोतरी हुई है्.
- देशी और नॉन रजिस्टर्ड मवेशियों के दूध उत्पादन में 44.76 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.
- साल 2014-15 में कुल दूध उत्पादन 14 करोड़, 60 लाख टन था.
- गांव स्तर पर डेयरी सहकारी समितियों के गठन का सुझाव दिया गया है.
- डेयरी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की जरूरत पर बात की गई.
- खुरपका-मुंहपका और ब्रुसेलोसिस बीमारी 2030 तक देश से खत्म हो जाएगी.
- समाप्त हो जाएंगे और "इससे निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी"।
- सेक्स-सॉर्टेड सीमेन और कृत्रिम गर्भाधान को बड़े पैमाने पर अपनाने को कहा जा रहा है.
- सरकार पशुओं की नस्ल सुधार पर पूरा ध्यान दे रही है.
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मौसम पर निर्भर करता है दूध उत्पादन
गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता का कहना है कि पिछले वित्त वर्ष में वार्षिक दूध उत्पादन में चार फीसद की अच्छी बढ़ोतरी हुई थी. बीते 10 साल की औसत बढ़ोतरी करीब छह फीसद रही है, जो विश्व के औसत से कहीं ज्यादा है. मेहता का कहना है कि दूध उत्पादन मानसून की बारिश सहित कई दूसरी वजहों पर निर्भर करता है.