Dog Issue and Supreme Court गर्मी सिर्फ इंसान और दूसरे जानवरों को ही परेशान नहीं करती है. कुत्ते भी इससे बहुत ज्यादा परेशान होते हैं. जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है वैसे ही कुत्तों की परेशानी भी बढ़ती जाती है. ये परेशानी खाने-पीने की कम और शहर के तापमान को मेंटेन करने की ज्यादा होती है. क्योंकि इंसानों की तरह से कुत्तों की गर्मी पसीने के साथ बाहर नहीं आती है. डॉग स्पेशलिस्ट और गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (गडवासु), लुधियाना में डॉग डिपार्टमेंट के मेडिसिन हैड डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा का कहना है कि खासतौर पर गली-सड़क पर घूमने वाले कुत्तों के लिए हम तीन-चार काम करना शुरू कर दें तो फिर ये कुत्ते किसी को नहीं काटेंगे. बेवजह काटना इनके स्वाभाव में नहीं है. बस जरूरत है कि खासतौर पर गर्मी के मौसम में इन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है.
गर्मियों में क्यों आक्रामक हो जाते हैं गली-सड़क के कुत्ते
- खासतौर पर गर्मी के इस मौसम में कुत्ते बहुत आक्रामक हो जाते हैं.
- उसकी वजह ये है कि 40 से 45 डिग्री तापमान होने पर उनकी यह गर्मी और बढ़ जाती है.
- इंसानों की तरह से कुत्तों की गर्मी पसीने की तरह से नहीं निकलती है.
- मुंह के रास्ते ली जाने वाली सांस से वो अपने शरीर की गर्मी को मेंटेन करते हैं.
- जब गर्मी बहुत बढ़ जाती है तो ऐसा करने में उन्हें बहुत तकलीफ होती है.
- गर्मी को कम करने की प्रक्रिुया के चलते उनके अंदर चिढ़-चिढ़ापन आ जाता है.
स्ट्रीट डॉग के साथ कैसा व्यवहार करें
- गर्मियों में आसपास घने पेड़ न होने के चलते कुत्तों को छांव भी नहीं मिल पाती है.
- घर के आसपास ठंडी जगह में हम उन्हें बैठने नहीं देते हैं.
- कार के नीचे बैठें तो हम उन्हें मारकर भगाने लगते हैं.
- ऐसे वक्त न तो उन्हें खाना ही मिल पाता है और ना ही पानी.
- ऐसे वक्त में कोई उनके बदन पर पानी डाल दे तो कुछ राहत मिले.
- जागरुकता की कमी के चलते लोग गली के कुत्तों की परेशानी नहीं समझ पाते हैं.
क्या गली के कुत्तों को घर ला सकते हैं
- गली के कुत्तों के लिए जागरुकता बढ़ाई जानी चाहिए.
- डी वॉर्मिंग और वैक्सीनेशन करके इन कुत्तों को भी गोद लिया जा सकता है.
- घर में इन्हें दूसरे पैट की तरह से रखा जा सकता है.
- जब इन्हें इस तरह से प्यार मिलता है तो बदले में दूसरे कुत्तों के मुकाबले ज्यादा प्यार देते हैं.
- पैट की नस्ल वाले कुत्तों की तरह से ये भी बहुत वफादार होते हैं.
- नसबंदी करा कर और एनजीओ की मदद से समय पर इलाज देकर इन्हें भी गली में रखा जा सकता है.
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