Animal Husbandry: बड़े दूध कारोबारी बनना चाहते हैं तो जानें RGM-NLM योजना के बारे में सब कुछ

Animal Husbandry: बड़े दूध कारोबारी बनना चाहते हैं तो जानें RGM-NLM योजना के बारे में सब कुछ

नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (NLM) और राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) दोनों ही योजनाओं का मकसद गाय-भैंस की देसी नस्ल को बढ़ावा देना है. साथ ही दूध की बढ़ती डिमांड को देखते हुए दूध उत्पादन बढ़ाना भी इसमे शामिल है. जानकारों की मानें तो आठ साल में दुधारू पशुओं की संख्या आठ करोड़ से 12 करोड़ पर पहुंच गई्. 

वाराणसी में गठित काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी में 30 हजार शेयरहोल्डर (फोटो-किसान तक)वाराणसी में गठित काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी में 30 हजार शेयरहोल्डर (फोटो-किसान तक)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 29, 2025,
  • Updated Jan 29, 2025, 12:29 PM IST

डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो देश में दूध और दूध से बने प्रोडक्ट की डिमांड लगातार बढ़ रही है. खासतौर पर दूध से बने पैक्ड प्रोडक्ट की डिमांड ज्यादा बढ़ रही है. देश दूध उत्पादन में नंबर वन बना हुआ है. इतना ही नहीं हर साल दूध उत्पादन बढ़ रहा है. अगर आप भी बड़े दूध कारोबारी बनना चाहते हैं तो इसके लिए सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकते हैं. खासतौर पर पशुपालन और डेयरी से जुड़ी नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (NLM) और राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) योजना. 

बीते 10 साल से दोनों योजनाएं लगातार चल रही हैं. केन्द्र सरकार द्वारा सभी तरह के पशुपालक और दूध कारोबारियों के लिए ये योजनाएं चलाई जा रही हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि पशुपालन को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की मदद से दोनों योजनाओं को चला रही है. 

ये भी पढ़ें- Poultry Egg: “पांच-छह साल में हम अंडा एक्सपोर्ट को दो सौ से तीन सौ करोड़ पर ले जाएंगे”

ये है आरजीएम का मकसद

आरजीएम योजना के तहत देशी बोवाइन नस्लों के विकास, संरक्षण, बोवाइन आबादी की आनुवंशिक बढ़ोतरी, बोवाईन पशुओं के दूध उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि पर ध्यान दिया जाता है. 
ये है राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) का मकसद 

एनएलएम योजना के तहत कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से श्रेष्ठ नर जर्मप्लाज्म का प्रचार, वैकल्पिक प्रजनन से भेड़ और बकरी की नस्लों के आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम चलाए जाते हैं. साथ ही वीर्य स्टेशन, वीर्य प्रयोगशालाओं, वीर्य बैंकों, पशु कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों पर छोटे पशुओं के लिए राज्यों को सहायता दी जाती है. 

कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत, पशुपालन और डेयरी विभाग 50 फीसद से कम कृत्रिम गर्भाधान कवरेज वाले जिलों में कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दे रहा है. कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं किसानों के दरवाजे तक फ्री में पहुंचाई जा रही हैं. मौजूदा नए आंकड़ों के मुताबिक 7.3 करोड़ पशुओं को कवर किया जा चुका है. जिसमें 10.17 करोड़ कृत्रिम गर्भाधान किए गए हैं. देश में 4.58 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं. 

एनएलएम के तहत मिल रही 50 फीसद सब्सिडी 

एनएलएम योजना का मकसद भेड़, बकरी और फीड एवं चारा क्षेत्र, पशुधन बीमा और इनोवेशन से संबंधित अनुसंधान और विकास करने वाले संस्थानों, विश्वविद्यालयों, संगठनों को प्रोत्साहित करना है. फीड और चारा के उप-मिशन के तहत चारा उत्पादन के लिए आवश्यक प्रमाणित चारा बीज की उपलब्धता में सुधार करने, चारा बीज श्रृंखला को मजबूत करने और प्रोत्साहन के माध्यम से चारा ब्लॉक, घास बांधने (हे बेलिंग) और साइलेज बनाने वाली यूनिट की स्थापना के लिए 50 लाख रुपये तक की 50 फीसद सब्सिडी दी जा रही है.

ये भी पढ़ें- Halal: मीट ही नहीं दूध और खाने-पीने की दूसरी चीजों पर भी लागू होते हैं हलाल के नियम 

 

MORE NEWS

Read more!