भैंस मांस निर्यात के लिए सरकार बनाएगी "मीट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फंड", 29 अक्टूबर से लागू होगा शुल्क

भैंस मांस निर्यात के लिए सरकार बनाएगी "मीट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फंड", 29 अक्टूबर से लागू होगा शुल्क

Buffalo meat export: APEDA के तहत बनेगा फंड, निर्यातकों को 250 रुपये/टन शुल्क देना होगा. वैश्विक बाजार में विस्तार और अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा.

Buffalo BreedBuffalo Breed
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 16, 2025,
  • Updated Oct 16, 2025, 6:43 PM IST

भारत सरकार ने देश के भैंस मांस निर्यात को वैश्विक बाजारों में विस्तार देने और निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विशेष मीट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फंड (Meat Export Development Fund) के गठन का निर्णय लिया है. यह फंड वाणिज्य मंत्रालय के अधीन APEDA (एपीडा) के तहत उद्योग जगत के सहयोग से स्थापित किया जाएगा. यह फंड बासमती निर्यात विकास कोष की तर्ज पर बनाया जाएगा, जिसकी स्थापना एक दशक पहले हुई थी.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मांस निर्यात पर निर्यात शुल्क 29 अक्टूबर से लागू होगा. निर्यातकों की ओर से शुल्क का भुगतान करने के बाद ही ठंडा और फ्रोजन मांस उत्पादों के निर्यात की अनुमति दी जाएगी. यह फंड 29 अक्टूबर, 2025 से काम करना शुरू करेगा.

अखिल भारतीय मांस एवं पशुधन निर्यातक संघ के उपाध्यक्ष फौजान अलवी ने FE को बताया, "यह फंड दुनिया के बाजार में हमारे सामने आने वाली कई गैर-शुल्क बाधाओं से निपटने के लिए रिसर्च को सपोर्ट करेगा."

भारत विश्व स्तर पर भैंस के मांस का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है, जबकि निर्यात मुख्य रूप से वियतनाम, मलेशिया, मिस्र, इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों को होता है. हालांकि, भारत की बाजार पहुंच लगभग 70 देशों तक है.

अधिकारियों ने बताया कि पिछले एक दशक में, भारतीय गोजातीय मांस की क्वालिटी और पोषक तत्वों के कारण दुनिया भर में इसकी मांग बढ़ी है. एपीडा बोनलेस भैंस के मीट एक्सपोर्ट में मदद करता है.

शुल्क और अमल की तिथि:

  • 29 अक्टूबर, 2025 से यह फंड प्रभाव में आएगा.
  • फ्रोजन और चिल्ड मीट उत्पादों के निर्यात की अनुमति केवल शुल्क भुगतान के बाद ही दी जाएगी.
  • शुल्क दर: 250 रुपये प्रति टन.

फंड का उद्देश्य:

  • वैश्विक बाजार पहुंच का विस्तार.
  • प्रचार-प्रसार, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा.
  • मांस उत्पादों में वैल्यू एडिशन को प्रोत्साहन.
  • गुलफूड, ANUGA, SIAL जैसे अंतरराष्ट्रीय फूड फेयर में भारत की भागीदारी.

उद्योग की प्रतिक्रिया:

फौज़ान अलवी, उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया मीट एंड लाइवस्टॉक एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने कहा:

"यह फंड नॉन-टैरिफ बैरियर्स को समझने और दूर करने में मदद करेगा. यह वैसा ही प्रयास है जैसा कि उरुग्वे और ब्राजील में मीट संस्थानों द्वारा किया गया है.

भारत का मीट निर्यात:

  • FY25 में भैंस मांस का निर्यात $4.06 बिलियन.
  • बासमती चावल के बाद सबसे बड़ा कृषि निर्यात उत्पाद.
  • FY26 (अप्रैल-अगस्त) के दौरान भैंस मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात 20 परसेंट बढ़कर $2.17 बिलियन.
  • APEDA के साथ 80 निर्यात इकाइयां पंजीकृत — मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में.
  • भारत, वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा भैंस मांस निर्यातक देश.
  • प्रमुख निर्यात देश: वियतनाम, मलेशिया, मिस्र, इराक, सऊदी अरब और यूएई.

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