Non veg Sale Ban: 'सरकारी आदेश नहीं डंडे के जोर पर पुलिस बंद कराती है चिकन-मुर्गे की दुकानें'

Non veg Sale Ban: 'सरकारी आदेश नहीं डंडे के जोर पर पुलिस बंद कराती है चिकन-मुर्गे की दुकानें'

Non veg Sale Ban पोल्ट्री कारोबारियों का आरोप है कि पुलिस बिना किसी सरकारी आदेश के भी सिर्फ डंडे के जोर पर चिकन और मुर्गों की बिक्री बंद करा देती है. कई-कई दिन तक दुकानें बंद रहती हैं. जिसका नुकसान पोल्ट्री सेक्टर को उठाना पड़ता है. दो-दो महीने तक पोल्ट्री की गाड़ी पटरी पर नहीं आ पाती है. उत्तर भारत के राज्यों में ये ज्यादा हो रहा है. 

नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Oct 10, 2025,
  • Updated Oct 10, 2025, 9:58 AM IST

Non veg Sale Ban 'कोई त्यौहार हो या पर्व, या फिर किसी खास दिवस के मौके पर अब सबसे पहले मीट और चिकन-मुर्गे की दुकानें बंद कराई जाती हैं. पूछने पर वजह बताई जाती है आस्था. आस्था का तो हम भी सम्मान करते हैं, लेकिन ये कौनसा तरीका है कि बिना किसी सरकारी आदेश के पुलिस सिर्फ डंडे के जोर पर चिकन और मुर्गे की दुकानों को बंद कराती है. अब तो हालत ये हो गई है कि एक नहीं कई-कई दिन के लिए दुकानें बंद करा दी जाती हैं. सावन के महीने में तो कांवड़ चलने पर दुकानें बंद कराई जाती हैं. और ऐसा करने में सिर्फ पुलिस ही नहीं कुछ संगठन भी शामिल रहते हैं. हम दुकान बंद कराने के विरोध में नहीं हैं. हमारा विरोध ये है कि जहां से कांवड़ या कोई शोभायात्रा नहीं गुजरती वहां दुकानें क्यों बंद कराई जाती हैं. 

किसी को जरा भी अंदाजा है कि इस तरह दुकानें बंद कराने से ब्रॉयलर मुर्गा पालन का कारोबार दो-तीन महीने के लिए पीछे चला जाता है. पोल्ट्री फार्मर को नुकसान उठाना पड़ता है.' ये कहना है पोल्ट्री एक्सपर्ट का. मौका था पीएफआई की 36वीं एनुअल जनरल मीटिंग 2025 का. लखनऊ में दो दिन के लिए पोल्ट्री की एजीएम आयोजित की गई थी. जहां देशभर से पोल्ट्री एक्सपर्ट और कारोबारी इकट्ठा हुए थे. एजीएम में दो दिन तक बिना आदेश मुर्गे-चिकन की दुकानें बंद कराने का मुद्दा छाया रहा. 

यूपी सीएम योगी से मिलेंगे पोल्ट्री कारोबारी 

नॉर्थ जोन ब्रॉयलर ब्रीडर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मोहित मलिक ने किसान तक से बातचीत में बताया कि चिकन और मुर्गे की दुकानें बंद कराने की सबसे ज्यादा घटनाएं यूपी में सामने आती हैं. राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बिहार में भी ये होता है, लेकिन कुछ ही इलाकों में ये देखने को मिलता है. हम चाहते हैं कि जहां से कांवड़ यात्री या फिर कोई शोभायात्रा गुजरे तो उसके 100 या 200 मीटर दायरे में चिकन और मीट की दुकानें बंद करा दी जाएं. लेकिन ऐसा न किया जाए कि आयोजन एक खास इलाके में होना है और दुकानें पूरे शहर में बंद कराई जा रही हैं. 

इसी को देखते हुए हमने ये फैसला किया है कि जल्द ही हम लोग इन सभी मुद्दों को लेकर यूपी के सीएम योगी आदिल्यनाथ से मिलेंगे. अपनी परेशानियों को उनके सामने रखेंगे. हालांकि एजीएम के दौरान यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केन्द्रीय राज्यमंत्री पशुपालन और डेयरी डॉ. एसपी सिंह बघेल के सामने भी हमने इन सभी बातों को रखा है. 

दुकानें बंद होने से पड़ता है ये खास असर

  1. लोकल बाजार में चिकन-मटन बेचने की दुकान बंद हो जाती है. 
  2. बंदी के चलते रिटेलर मुर्गा खरीदने थोक बाजार नहीं जाते हैं. 
  3. थोक बाजार में मुर्गे की बिक्री नहीं होती है तो फार्म से भी नहीं आता है.
  4. 30-35 दिन में तैयार होने वाला मुर्गा बंदी के चलते ओवर वेट होने लगता है. 
  5. मुर्गा रुकने के चलते फीड की लागत बढ़ने लगती है.  
  6. ओवर वेट होने के चलते मुर्गे की क्वालिटी और रेट दोनों ही कम हो जाते हैं. 
  7. मंडी-रिटेल दुकान पर बंदी वाले दिन दिहाड़ी मजदूर को मजदूरी नहीं मिलती है.

PFI ने केन्द्र सरकार से क्या मांग की है

  • PFI के प्रेसिडेंट रनपाल ढांढा ने केन्द्रीय पशुपालन मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल से मांग की है. 
  • केन्द्र सरकार राज्यों को मीट बिक्री का कैलेंडर बनाने की एडवाइजरी जारी करे. 
  • किस त्यौहार और धार्मिक आयोजन पर मीट की बिक्री नहीं होगी उसका कैलेंडर बनाया जाए. 
  • मीट की दुकान बंदी की सूचना तीन महीने पहले दी जाए. 
  • ऐसे शहर और स्थानों की पहचान की जाए जहां आयोजन होते हैं. 
  • शहर और स्थान चिन्हित कर सार्वजनिक सूचना दी जाए जहां बंदी रहेगी.
  • फैसला लेने वाली कमेटी में पीएफआई का एक सदस्य शामिल किया जाए.  
  • कांवड़ यात्रा के रूट पर ही मीट बिक्री बैन की जाए, न की पूरे शहर या प्रदेश में. 
  • सावन में पूजा के दिन सिर्फ मंदिरों के आसपास बिक्री बैन की जाए. 
  • जिस रूट से जुलूस निकलना है सिर्फ वहीं बिक्री बैन की जाए.

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