NOHM के तहत गाय-भैंस को बीमारी से बचाना है तो अपनाएं ये उपाय, पढ़ें डिटेल 

NOHM के तहत गाय-भैंस को बीमारी से बचाना है तो अपनाएं ये उपाय, पढ़ें डिटेल 

नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) के तहत खासतौर पर पशुपालकों के लिए जारी एडवाइजरी और टिप्स बहुत जरूरी हो जाते हैं. क्योंकि पशुपालक इन्हें अपनाकर अपने पशुओं को तो बचाते ही हैं, साथ में अपनी जिंदगी को भी सुराक्षि‍त रखते हैं. एनीमल एक्सपर्ट के मुताबिक साइंटीफिक तरीके से किया गया पशुपालन पशुओं के साथ-साथ इंसानों को भी पशुओं की बीमारी से सुरक्षित रखता है. 

पशुओं को खुले में बांध रहे हैं तो हो जाएं सावधानपशुओं को खुले में बांध रहे हैं तो हो जाएं सावधान
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Mar 28, 2025,
  • Updated Mar 28, 2025, 4:58 PM IST

पशुओं से इंसानों को होने वाली बीमारियों को देखते हुए देश में नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) चलाया जा रहा है. केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय इस अभि‍यान को चलाने में मदद कर रहा है. इस अभि‍यान में पशुओं समेत इंसानों में होने वाली बीमारियों को भी शामिल किया गया है. इसी को देखते हुए मंत्रालय ने लगातार जागरुकता अभि‍यान भी चला रहा है. सोशल मीडिया की मदद से एडवाइजरी भी जारी की जा रही है. पशुपालकों को टिप्स दिए जा रहे हैं कि वो कैसे अपने दुधारू पशुओं को बीमारियों से बचा सकते हैं. 

इसमे जूनोटिक बीमारियां भी शामिल हैं. जूनोटिक ही वो बीमारी हैं जिससे इंसान और पशु दोनों ही प्रभावित होते हें. मिशन के तहत बायो सिक्योरिटी का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. वहीं पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए पशुपालकों को साइंटीफिक तरीके से पशु पालन करने की सलाह दी जाती है. 

ये टिप्स अपनाकर बीमारियों से बचाएं पशुओं को 

पशुपालन मंत्रालय से जुड़े जानकारों की मानें तो वन हैल्थ मिशन के तहत एनीमल फार्म पर बॉयो सिक्योरिटी बहुत जरूरी है. कोरोना जैसी बीमारी फैलने के बाद से तो इसकी जरूरत और ज्यादा महसूस की जाने लगी है.  

  • सबसे पहले अपने एनीमल फार्म की बाड़बंदी कराएं. 
  • बाड़बंदी होने से सड़क पर घूमने वाला जानवर फार्म में नहीं घुसेगा. 
  • फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव कराएं. 
  • हैंड सेनेटाइज में काम आने वाली दवा फार्म पर रखें.
  • फार्म में बाहर से आने वाले व्यक्ति के जूते बाहर ही उतरवाएं.
  • जूते फार्म के बाहर उतरवा नहीं सकते तो उन्हें सेनेटाइज करें. 
  • आने वाले के हाथ और कपड़ों को भी सेनेटाइज करवाएं. 
  • पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं. 
  • फार्म पर नए आने वाले पशु को कम से कम 15 दिन अलग रखें. 
  • छोटे बच्चे, बीमार, गर्भवती, हेल्दी और दूध देने वाले पशुओं को अलग रखें. 
  • बदलते मौसम के हिसाब से बाड़े में पशुओं का रखरखाव रखें. 
  • बरसात के मौसम में पशुओं को खासतौर पर मच्छर-मक्खियों के प्रकोप से बचाएं.

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