Organic Meat Export विश्व में मीट का बड़ा बाजार है. सबसे बड़ा हलाल मीट का बाजार है. आज करीब 80 हजार करोड़ का कारोबार हो रहा है. साल 2033 तक इसके डबल यानि 1.5 लाख करोड़ होने की उम्मीद है. भारत की भी मीट बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है. लेकिन इस बाजार में अब ऑर्गेनिक मीट की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. क्योंकि कई देशों में ऑर्गेनिक मीट का उत्पादन शुरू हो गया है. उत्पादन के साथ ही डिमांड भी बढ़ रही है. देश में भी ऑर्गेनिक मीट को लेकर तैयारी चल रही है. लेकिन परेशानी ये है कि पशुओं की न तो उस तरह से देखभाल हो रही है और न ही उन्हें मानकों के मुताबिक खाने को दिया जा रहा है. ऑर्गेनिक मीट वो होता है जिसमे पेस्टी साइड और एंटीबॉयोटिक्स दवाई के अंश न हों.
ऑर्गेनिक मीट कैसे तैयार होगा?
- डॉ. पी. बसवा रेड्डी, प्रिंसिपल साइंटिस्ट, NMRI ने कुछ नियम बताए हैं.
- ऑर्गेनिक मीट तैयार करने के लिए लोकल ब्रीड का पशु पालना होगा.
- पशु का हाउसिंग मैनेजमेंट मानकों के अनुसार रखना होगा.
- पशुओं को खाने के लिए ऑर्गेनिक चारा और दूसरी खुराक देनी होगी.
- पशु के बीमार होने पर एंटीबॉयोटिक्स की जगह आयुर्वेद और होम्योपैथी से इलाज कराएं.
- ब्रीडिंग मैनेजमेंट में कुछ मानकों का पालन करना होगा.
- बीट, गोबर और दूसरे वेस्ट का मानकों के मुताबिक निपटान करना होगा.
- पशु को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए मानक अपनाने होंगे.
- पशु की स्लॉटरिंग के दौरान मानकों संग उसके स्ट्रेस का ख्याल रखना होगा.
ऑर्गेनिक चारा कैसे तैयार किया जाता है?
- केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा ऑर्गेनिक चारा उगाने की ट्रेनिंग दे रहा है.
- जीवामृत, नीमास्त्रह और बीजामृत बनाकर ऑर्गेनिक खेती की ट्रेनिंग दी जाती है.
- जहां ऑर्गनिक चारे की फसल है उसके आसपास दूसरी फसल में पेस्टी साइट का इस्तेमाल न हो.
- जिस फसल में पेस्टीसाइट का इस्तेमाल हो रहा है वहां ऑर्गेनिक फसल से तय दूरी रखनी पड़ती है.
- पशुओं को जो दाना यानि फीड दिया जाता है उसकी भी जांच की जाती है.
- फीड बनाने में किसी तरह के केमिकल (ऐडिटिव) का इस्तेमाल नहीं किया गया हो.
मीट उत्पादन में देश का क्या स्थान है?
- मीट उत्पादन में भारत विश्व में 5वें स्थान पर है.
- साल 2024 में एक करोड़ टन मीट का उत्पादन हुआ था.
- देश से सभी तरह का करीब 32 हजार टन मीट एक्सपोर्ट होता है.
- देश से सबसे ज्यादा बफैलो मीट एक्सपोर्ट होता है.
- देश में सबसे ज्यादा चिकन का उत्पादन होता है.
- साल 2024 में 52 लाख टन चिकन का उत्पादन हुआ था.
निष्कर्ष-
भारत के बफैलो मीट की दुनियाभर के कई देशों में डिमांड है. मीट को डिजीज फ्री बनाने की तैयारी चल रही है. ऐसा होने के बाद डिमांड और बढ़ जाएगी. वहीं अब ऑर्गेनिक मीट की डिमांड भी आने लगी है. अगर दोनों पर एक साथ काम हो जाए तो देश बड़ा मीट एक्सपोर्टर बन सकता है.
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