AI: कृत्रिम गर्भाधान के नियमों की अनदेखी पड़ सकती है भारी, पशुओं में होती है ये परेशानी

AI: कृत्रिम गर्भाधान के नियमों की अनदेखी पड़ सकती है भारी, पशुओं में होती है ये परेशानी

पशुपालन और डेयरी में होने वाले नुकसान के लिए रिपीट ब्रीडिंग को बड़ी वजह माना जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि पशु को गाभिन कराने में कृत्रिम गर्भाधान (एआई) की टाइमिंग का बड़ा महत्व है. पानी का तापमान, कंटेनर का आकार और स्टेरेलाईज एआई गन प्रजनन क्षमता में अहम रोल निभाते हैं. 

दुधारू गायदुधारू गाय
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Apr 02, 2025,
  • Updated Apr 02, 2025, 1:49 PM IST

ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करने और वक्त से लगातार बच्चा देने वाला पशु हर पशुपालक को प्यारा होता है. लेकिन ये तब मुमकिन है जब पशु वक्त से हीट में आए और समय रहते उसे गाभि‍न भी करा दिया जाए. ऐसा होने पर ही गाय-भैंस वक्त से बच्चा देती है और बच्चा देने के बाद दूध उत्पादन भी करती है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पूरा पशुपालन सेक्टर भी इसी पर टिका हुआ है. यहां तक की डेयरी में नुकसान और फायदे का रास्ता भी यही है. 

लेकिन, अगर कृत्रिम गर्भाधान (एआई) के नियमों का पूरी तरह से पालन करते हुए गाय-भैंस को गाभि‍न करा दिया जाए तो पशु को रिपीट ब्रीडिंग की परेशानी नहीं होती है. इतना ही नहीं एक पशु के गाभिन होने में ऊर्जा, प्रोटीन, खनिज और विटामिन जैसे जरूरी पोषक तत्वों का भी अहम रोल होता है. इतना ही नहीं लगातार साइलेज खाने वाले पशुओं को एक्सट्रा विटामिन की भी जरूरत होती है. 

इसलिए होती है रिपीट ब्रीडिंग की परेशानी 

रिपीट ब्रीडिंग को आम तौर पर एक ऐसी गाय-भैंस के साथ जोड़कर देखा जाता जिसे तीन बार गाभिन कराया गया और वो उसके बाद भी गर्भधारण नहीं कर सकती. एक्सपर्ट के मुताबिक इसके कई कारण हो सकते हैं. कभी-कभी बहुत सारे कारणों में से सिर्फ एक-दो ही वजह बनते हैं. 
निषेचन विफलता
एनोव्यूलेशन और विलंबित ओव्यूलेशन
ट्यूबल रुकावट
प्रीमैच्योर या शुरुआत में ही भ्रूण की मौत
ऑक्सीटोसिन की कमी
ऊर्जा की कमी
प्रोजेस्टेरोन की कमी
अतिरिक्त एस्ट्रोजन
ख़राब प्रजनन और प्रबंधन तकनीक
आनुवंशिक, पोषण संबंधी और संक्रमण.
एनिमल और डेयरी एक्समपर्ट के मुताबिक अधिक उम्र वाले और अधिक दूध देने वाले डेयरी पशुओं में रिपीट ब्रीडिंग की घटनाएं जयादा सामने आती हैं. दूध उत्पादन का तनाव गोनैडोट्रॉफिन के विकास और रिलीज में बाधा डालता है, जिससे बार-बार प्रजनन होता है. बार-बार प्रजनन के लिए बैक्टीरिया की विभिन्न प्रजातियां भी जिम्मेदार होती हैं, जैसे स्ट्रेप्टोकोकस, स्टैफिलोकोकस, बैसिली, कॉर्नीबैक्टीरियम, ई. कोली, प्रोटियस.

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