Milk Product Export: दूध-दही, घी-मक्खन का एक्सपोर्ट बढ़ाने को डेयरी एक्सपर्ट ने दिए ये दो टिप्स 

Milk Product Export: दूध-दही, घी-मक्खन का एक्सपोर्ट बढ़ाने को डेयरी एक्सपर्ट ने दिए ये दो टिप्स 

Milk Product Export डेयरी एक्सपर्ट डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए ऐसे ही कुछ बिन्दुओं पर काम करने का सुझाव दिया है. उनका कहना है कि आने वाले सात से आठ साल डेयरी सेक्टर और लाइव स्टॉक के हैं. इसमे निवेश भी बढ़ेगा तो नौकरियों के रास्ते भी खुलेंगे. 

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Dec 11, 2025,
  • Updated Dec 11, 2025, 7:35 AM IST

Milk Product Export 25 साल से ज्यादा लम्बे वक्त से देश दूध उत्पादन में नंबर वन है. विश्व में होने वाले दूध उत्पादन के मुकाबले हमारे देश में दूध उत्पादन की रफ्तार कहीं ज्यादा है. विश्व के कुल दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 25 फीसद है. बावजूद इसके इंडियन डेयरी सेक्टर एक्सपोर्ट के मामले में बहुत पीछे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि इसे बढ़ाया नहीं जा सकता है. डेयरी सेक्टर से जुड़े कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें पूरा कर लिया जाए तो डेयरी एक्सपोर्ट भी बढ़ सकता है. इसके लिए डेयरी एक्सपर्ट खासतौर पर दो टिप्स इस सेक्टर के लिए देते हैं. 

जिसमे प्रोडक्ट की लागत, पशुओं में नस्ल सुधार, दूसरे देशों के साथ कारोबारी रिश्ते और पशुओं से जुड़ी बीमारी पर काम करने की जरूरत है. क्योंकि एक्सपोर्ट बाजार में भारत के लिए संभावनाएं बहुत हैं. रूस दूध पाउडर का बड़ा खरीदार है, लेकिन लेकिन पशुओं की बीमारी के चलते खरीदारी बंद कर दी है. पशुओं की खुरपका-मुंहपका बीमारी के चलते भी कई देश खरीदारी नहीं करते हैं.

चारे की लागत कम होने से बढ़ेंगे मौके  

डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए हमे इंटरनेशनल मार्केट की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार होना पड़ेगा. इसमे सबसे पहली बात आती है लागत की. अगर दूध उत्पादन की लागत कम करनी है तो चारा प्रबंधन के लिए रणनीति बनानी होगी. इसके अलावा प्रोडक्ट की गुणवत्ता के मानकों पर काम करना होगा. गुणवत्ता के लिए टेक्नोलॉजी पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. लेकिन किसी भी देश के बाजार में जाने के लिए उस देश के साथ कारोबारी रिश्तों को अच्छा बनाना भी बहुत जरूरी है.

लेकिन खासतौर पर डेयरी प्रोडक्ट के मामले में दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको और वेनेजुएला जैसे देशों के साथ संबंध ठीक नहीं हैं. इन्होंने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं. इंडोनेशिया और मलेशिया की बात करें तो हलाल के मामले पर संबंधों को सामान्य करना बहुत जरूरी है. चीन डेयरी प्रोडक्ट खरीदने वाला दुनिया का बड़ा देश है, लेकिन मेलामाइन मामले के बाद से बात खराब हो चुकी है. इस सब को ठीक करने के लिए जरूरी है कि सरकार के स्तर पर पहल की जाए. 

डेयरी प्रोडक्ट को बनाना होगा ब्रांड 

एक्सपर्ट का कहना है कि हमे इंटरनेशनल मार्केट में अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाकर बेचना होगा. जैसे अगर घी बेच रहे हैं तो हमे बताना होगा कि गाय का घी, भैंस का घी है. इसी तरह से दूसरे प्रोडक्ट भी वेज पनीर, भैंस के दूध का पनीर और पारंपरिक मिठाइयों जैसे प्रोडक्ट को इसमे शामिल करना होगा. 

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