Pregnant Animal: गाय-भैंस गर्भवती है तो इन 10 बातों का रखें खास ख्याल, पढ़ें डिटेल 

Pregnant Animal: गाय-भैंस गर्भवती है तो इन 10 बातों का रखें खास ख्याल, पढ़ें डिटेल 

Pregnant Buffalo कुछ पशुपालकों का सवाल होता है कि हम कैसे पहचाने की भैंस गर्भ से है. तो इसका पता भैंस के हीट में न आने से लगाया जा सकता है. हर 21 दिन बाद भैंस हीट में आती है. और जब दोबारा से भैंस हीट में न आए तो समझ जाएं कि भैंस कितने दिन के गर्भ से है. 

गर्भवती गाय और भैंस का दूध एंटीबॉडीज से भरपूर होता है. (फाइल फोटो)गर्भवती गाय और भैंस का दूध एंटीबॉडीज से भरपूर होता है. (फाइल फोटो)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jun 05, 2025,
  • Updated Jun 05, 2025, 8:18 PM IST

Pregnant Buffalo गाय-भैंस के गर्भधारण की बात करें तो ये बहुत ही नाजुक दौर होता है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि इस वक्त पशु को बच्चा देने के बाद ही नहीं उससे पहले भी बहुत खास देखभाल की जरूरत होती है. अगर भैंस के गर्भकाल की बात करें तो 310-315 दिन तक का होता है. लेकिन इसमे में भी 90 दिन तीन महीने गर्भवती भैंस के लिए बहुत ज्यादा खास होते हैं. खासतौर पर भैंस की हैल्थ को लेकर. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर गर्भकाल के दौरान भैंस की अच्छी तरह से देखभाल की तो बच्चा हेल्दी मिलेगा. 

भैंस भी तंदुरुस्त रहेगी और खूब दूध उत्पादन करेगी. लेकिन गर्भकाल के दौरान भैंस की देखभाल कैसे की जाए, इसके लिए केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार की आनलाइन मदद भी ली जा सकती है. सीआईआरबी गर्भवती भैंस के शेड, खानपान और हैल्थ से जुड़ी बातों की गहन और हर तरह की जानकारी देता है. 

खानपान में कमी की तो उठाने पड़ेंगे ये नुकसान 

पशु चिकित्सक से भी भी भैंस के गर्भ की जांच करा सकते हैं. और जब ये पक्का हो जाए कि भैंस गर्भ से है तो उनकी तीन तरह से देखभाल शुरू कर दें. भैंस बहुत सारे पोषक तत्वों  की जरूरत होती है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो खासतौर पर आखिरी के तीन महीने आठवां, नौंवा और दसवें में. अगर ऐसे वक्त में खानपान में कोई कमी रह जाती है तो भैंस को कई तरह की परेशानी हो सकती हैं. गर्भवती भैंस के लिए अच्छा खानपान इसलिए जरूरी हो जाता है कि एक तो उसके गर्भ में बच्चा पल रहा होता है, दूसरे बच्चा देने के बाद उसे दूध भी देना है. 

  • खानपान की कमी से बच्चा कमजोर और अंधा पैदा हो सकता है. 
  • बच्चा देने के बाद भैंस को मिल्क फीवर हो सकता है.
  • भैंस फूल दिखा सकती है और जेर रूक सकती है.
  • भैंस की बच्चेदानी में मवाद पड़ सकता है. 
  • बच्चा देने के बाद दूध उत्पादन घट सकता है.
  • आठवें महीने के बाद से भैंस को दूसरे पशुओं से अलग रखना चाहिए. 
  • भैंस का बाड़ा उबड़-खाबड़ तथा फिसलन वाला नहीं होना चाहिए.
  • बाड़ा हवादार और भैंस को सर्दी, गर्मी और बरसात से बचाने वाला हो.
  • बाड़े में रेत-मिट्टी का कच्चा फर्श हो और सीलन न हो.  
  • ताजा पीने के पानी का इंतजाम होना चाहिए. 

ये भी पढ़ें- Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभि‍न पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स 

ये भी पढ़ें- Milk Production: 2033 तक हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे 

 

MORE NEWS

Read more!