Green Fodder: बकरियों को ऐसे खि‍लाया हरा चारा तो नहीं होंगी बीमार, दूध-मीट की ग्रोथ के लिए अपनाएं ये तरीका

Green Fodder: बकरियों को ऐसे खि‍लाया हरा चारा तो नहीं होंगी बीमार, दूध-मीट की ग्रोथ के लिए अपनाएं ये तरीका

Green Fodder for Goat एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशुओं के लिए हर मौसम में हरा चारा बेहद जरूरी है. अगर हरा चारा नहीं खि‍लाया तो पशुओं को जरूरी मिनरल्स , प्रोटीन और खास विटामिन नहीं मिल पाएंगे. क्योंकि हरा चारा पशुओं के हैल्थ सुधाने के साथ-साथ दूध की क्वालिटी भी सुधारता है. पशु का होने वाला बच्चा भी हरे चारे की वजह से हेल्दी पैदा होता है. 

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नासि‍र हुसैन
  • Jul 01, 2025,
  • Updated Jul 01, 2025, 3:50 PM IST

Green Fodder for Goat कहने को तो बरसात के दौरान खेत और खुले मैदान में खूब हरा चारा होता है. लेकिन ये हरा चारा उस वक्त किसी काम का नहीं होता है तो ये कहना गलत नहीं होगा. क्योंकि बरसात के दिनों में होने वाला हरा चारा सीधे बकरे-बकरियों को नहीं खि‍लाया जाता है. यही वजह है कि बरसात के दौरान बकरी पालकों के सामने सबसे बड़ी यही वजह होती है कि बकरे-बकरियों को क्या खि‍लाएं और क्या नहीं खि‍लाएं. क्योंकि बकरी पालक अच्छी तरह से जानते हैं कि बरसात के दिनों में होने वाला हरा चारा सीधे ही बकरियों को खि‍लाया तो उसे खाकर वो बीमार पड़ जाएंगी. 

हालांकि भेड़-बकरी के लिए एनिमल न्यूट्रीशन एक्सपर्ट ने हरा चारा खि‍लाने की एक तय मात्रा बताई है. चारे की ये मात्रा पशु की उम्र, उसके वजन और उसके शारीरिक बनावट के हिसाब से तय की जाती है. अगर आपने चारे की तय मात्रा कम कर दी या ज्यादा दे दी या फिर किन्ही वजह के चलते कई-कई दिन तक हरा चारा नहीं खिलाया तो इसका असर पशुओं पर दिखने लगता है. 

बकरियों को हरा चारा ना मिलने से होता है ये नुकसान

गोट एक्सपर्ट की मानें तो हरे चारे में प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन ए होता है. सभी तरह के पशुओं समेत खासतौर पर बकरी को इसकी बहुत जरूरत होती है. हरे चारे में शामिल विटामिन ए ना सिर्फ बकरी के लिए जरूरी होता है बल्कि उसके होने वाले बच्चे के लिए भी. अगर बच्चे में इसकी कमी हो जाए तो उसके शरीर की ग्रोथ रुक जाएगी, आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ता है. अक्सर देखा जाता है कि बरसात के मौसम में गांव ही नहीं शहरों में भी हरा चारा खूब उग आता है. लेकिन यही हरा चारा अगर भेड़-बकरियों ने ज्यादा खा लिया तो बकरी को डायरिया यानि दस्त हो जाते हैं और उसमे पोषण की कमी होने लगती है.

इसके लिए जरूरी ये है कि बकरियों को जब भी हरा चारा खि‍लाएं तो उसमे सूखा और दानेदार चारा जरूर शामिल करें. या फिर हरे चारे को थोड़ा सुखाकर खि‍लाएं. हरा चारा खिलाने के दौरान एक और बात का खास ख्याल रखें कि खासतौर पर रिजका और बरसीम खाने के बाद बकरे-बकरी के पेट में गैस बनने लगती है. यह गैस जल्दी ही पास नहीं होती है. बकरे-बकरी को इससे निजात दिलाने के लिए आप उसे कोई भी खाने वाला तेल 50 एमएल दे सकते हैं. अगर इससे भी ठीक न हो तो खाने के 50 एमएल तेल में पांच एमएल तारपीन का तेल भी मिला सकते हैं.

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