गाय-भैंस हो या भेड़-बकरी सभी को सेहतमंद रखने के लिए हरा चारा खिलाया जाता है. लेकिन कई बार किसान कम जानकारी होने के कारण पशुओं को कोई भी हरा चारा खिला देते हैं, जिससे पशुओं को पूरा पोषण नहीं मिलता है. ऐसे में बकरी पालन करने वाले किसानों के लिए एनिमल एक्सपर्ट का मानना है कि बकरियों के लिए सबसे पौष्टिक चारा अजोला होता है. इस चारे को बकरियों को खिलाने से उनका पेट भी भरता हैं. साथ ही बहुत सारे मिनरल्स, प्रोटीन और खास विटामिन की जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है अजोला चारा और बकरियों को खिलाने के क्या फायदे हैं.
अजोला एक ऐसा चारा है जिसे किसी भी स्थान पर किसी भी समय पर आसानी से तैयार किया जा सकता है. अजोला के 1 किलो उत्पादन पर लगभग 2 रुपये की लागत आती है. वहीं, एक्सपर्ट की मानें तो एक दुधारू बकरी को मात्र 500 ग्राम अजोला खिलाकर 15 से 20 प्रतिशत अधिक दूध प्राप्त किया जा सकता है. साथ ही 30 से 35 प्रतिशत अन्य आहार की भी बचत कर सकते हैं.
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अजोला पानी में उगने वाला एक चारा है इसलिए इसे जलीय चारा भी कहा जाता है. अजोला जलीय फर्न है. (फर्न एक प्रकार का पौधा है जिसमें फूल नहीं होते हैं) जिसे अजोलियेसी कहा जाता है. पानी में रहने के कारण यह फर्न जलीय जीवन के लिए पूरी तरह से अनुकूलित हो गया है इसलिए यह आम फर्न के बजाय पूरी तरह से शैवाल की तरह दिखाई देता है. अजोला का आकार छोटा होने के कारण उसकी छोटी-छोटी शल्कों जैसी पत्तियां, एक दूसरे के साथ मिल जाती हैं, जिससे यह पानी पर आसानी से तैरता रहता है. वहीं, पशुओं के लिए काफी महत्वपूर्ण हरा चारा है.
बकरी ऐसा पशु है, जो चरना पसंद करती है. देश में चरागाह पर्याप्त नहीं हैं. बकरी पालन ऐसे किसानों के हाथ में है, जिनके पास खिलाने के लिए पर्याप्त चारा नहीं है. उन किसानों के लिए अजोला एक ऐसा चारा है, जिसमें सभी पोषक तत्व उपलब्ध हैं, जिससे बकरियों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है. यह प्रोटीन, आवश्यक अमीनो अम्ल, विटामिन 'ए' और 'बी', बीटा कैरोटिन जैसी पोषक तत्वों से भरा हुआ है. वहीं, अजोला में पाये जाने वाला प्रमुख तत्व प्रोटीन है, जो पशुओं का मुख्य आहार है. इसके अलावा अजोला कैल्शियम का अच्छा स्रोत है जो दुग्ध उत्पादन को बढ़ाता है.