मछली पालन को लेकर मध्य प्रदेश में बहुत संभावनाएं हैं. विकसित भारत 2047 के तहत पीएम नरेन्द्र मोदी का भी सपना है कि एकवाकल्चर में भारत विश्व का लीडर बने. यही वजह है कि मछली पालन और मछुआरों के लिए केन्द्र सरकार ने दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की. पहली योजना 20 हजार करोड़ की है तो दूसरी उपयोजना छह हजार करोड़ की. इसी के तहत मध्य प्रदेश में मछली की खपत बढ़ाने के लिए फिश पार्लर की शुरुआत की गई है. ये कहना है केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन का.
मौका था इंदौर के देपालपुर में राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर पंजीकरण के लिए आयोजित किए गए मोबिलाइजेशन कैम्प का. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में ही 25 करोड़ की लागत से एक्वा पार्क और फिश रिसर्च सेंटर की स्थापना की जाएगी. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आज हमे झींगा के टॉप उत्पादक, एक्वाकल्चर और मछली के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक के रूप में भारत को वर्ल्ड लेवल पर लीडर बनाने की जरूरत है.
राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने एनएफडीपी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मछली पालन और मछली पकड़ने समेत फिशरीज सेक्टर से जुड़े सभी लोगों के जीवन स्तर को सुधारने और इनकम बढ़ाने के मकसद से 11 सितंबर, 2024 को एनएफडीपी लॉन्च किया गया था. अभी तक इस पोर्टल पर 18 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां 60 हजार से ज्यादा लोग अभी तक एनएफडीपी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. कार्यक्रम के दौरान 20 फरवरी को 34 हजार लोगों ने आवेदन किया था. उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि मछली पालन से किसी न किसी रूप से जुड़े सभी लोगों को पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए.
राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन ने मछली पालन पर बोलते हुए कहा कि आज देश में मछली पालन तीन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ये एक ऐसा सेक्टर है जो फूड सिक्योरिटी, आजीविका और अर्थव्यवस्था में अहम रोल अदा कर रहा है. आज हमारे देश में करीब तीन करोड़ लोग सीधे तौर पर अपनी आजीविका मछली सेक्टर से कमा रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए मछली पालन के समग्र विकास, मछुआरों और कारोबारियों के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं. जैसे 2020 में 20 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और 2023-27 के लिए छह हजार करोड़ की लागत से एक और नई उप-योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएमएमकेएसएसवाई) बजट में जगह दी जा रही है.
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