मछली उत्पादन के क्षेत्र में जहां बिहार आत्मनिर्भर बन चुका है, वहीं इसके व्यवसाय से जुड़े लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं शुरू कर चुकी है. इसी कड़ी में बिहार सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन को एक सशक्त माध्यम के रूप में बढ़ावा दे रही है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत संचालित मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना के माध्यम से राज्य के मछुआरों, मत्स्य विक्रेताओं और मत्स्यजीवी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं. इस योजना के तहत मत्स्य शिकार माही और विपणन किट नि:शुल्क प्रदान की जा रही है.
मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना के तहत पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा राज्य के चयनित मछुआरों को मत्स्य शिकार माही और विपणन किट नि:शुल्क प्रदान की जा रही हैं. वहीं खुदरा मत्स्य विक्रेताओं को मछली बेचने के लिए थ्री-व्हीलर आइस बॉक्स सहित वाहन अनुदानित दर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. यह व्यवस्था न केवल मत्स्य व्यापार को आसान बना रही है, बल्कि इससे परिवहन की समस्या भी दूर हो रही है. इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को 100 प्रतिशत अनुदान पर किट प्रदान की जा रही है, जबकि खुदरा विक्रय से जुड़े लाभार्थियों को वाहन क्रय पर 50 प्रतिशत तक का सरकारी अनुदान दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना का लाभ मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य, अनुसूचित जाति, जनजाति, जीविका समूह और एफपीओ (FPO) जैसे संगठनों से जुड़े वे व्यक्ति उठा सकते हैं, जो मत्स्य बिक्री के कार्य से जुड़े हैं. इच्छुक लाभार्थी को आवेदन पत्र भरते समय अपना मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण तथा आईएफएससी कोड (IFSC Code) अंकित करना अनिवार्य होगा. विभाग द्वारा चयनित लाभार्थियों को ही योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर जाएं अथवा अपने जिला मत्स्य कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. इस तरह की योजनाएं ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम बन रही हैं.यही कारण है कि इन्हें जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके. वहीं दूसरी ओर स्थानीय बाजारों में ताजे और गुणवत्तापूर्ण मत्स्य उत्पादों की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं.
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