Milk Fever: भैंस का दूध उत्पादन कम न हो इसके लिए जरूरी है ये काम, इसलिए घट जाता है दूध

Milk Fever: भैंस का दूध उत्पादन कम न हो इसके लिए जरूरी है ये काम, इसलिए घट जाता है दूध

एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर भैंस को मिल्क फीवर से बचाना है तो जब भैंस बच्चा दे तो कम से कम तीन से चार दिन तक उसकी कड़ी निगरानी और देखभाल बहुत जरूरी होती है. इस तीन से चार दिन में ही भैंस को मिल्क फीवर जैसी बीमारी होती है. क्योंकि कई बार ये बीमारी जानलेवा भी साबित होती है.

भदावरी भैंसभदावरी भैंस
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 27, 2025,
  • Updated Jan 27, 2025, 6:27 AM IST

भैंस पालने का असली मकसद ही यही होता है कि वो जितना ज्यादा दूध देगी तो मुनाफा भी उतना ज्यादा ही होगा. भैंस के बच्चे को भी पशुपालक इसी चाहत में बड़ा करता है कि बड़े होते ही ये दूध देने लगेगा. बाजार में भैंस खरीदते वक्त भी पशुपालक यही देखता है कि भैंस दूध कितना दे रही है. यहां तक की उसके परिवार के बारे में भी पूरी जानकारी कर लेता है. लेकिन जब उसी का दूध एकदम से कम होने लगे तो पशुपालक की परेशानी बढ़ जाती है. 

जिसका सीधा असर पशुपालक के मुनाफे पर पड़ता है. लागत भी ज्यादा हो जाती है. और ये सब होता है बुखार के चलते. हालांकि सुनने में ये मामूली बुखार लग रहा है, लेकिन इसे मिल्क फीवर कहा जाता है. इसके चलते पशु का दूध तो कम होता ही है, साथ में पशु की हैल्थ पर भी इसका गहरा असर पड़ता है. एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि मिल्क फीवर की वजह एक मामूली सी लापरवाही है.  

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ये हैं भैंस को मिल्क फीवर होने लक्षण 

मिल्क फीवर होने पर भैंस का शरीर ठंडा पड़ जाता है. 
भैंस को कमजोरी महसूस होने लगती है. 
कमजोरी के चलते भैंस खड़े होने के बजाए बैठी रहती है. 
मिल्क फीवर में भैंस अपनी गर्दन कोख के उपर रख लेती है.
मिल्क फीवर में भैंस जुगाली करना बंद कर देती है. 
बीमारी के चलते भैंस अक्सर सूखा गोबर करती है.
भैंस को कंपकपी महसूस होती है और बेहोशी छायी रहती है.
मिल्क फीवर के लक्षण दिखाई दें तो करें ये काम 
डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम की बोतल लगवानी चाहिए.
कैल्शियम की कुल मात्रा का आधा भाग खून में और आधा भाग चमड़ी के नीचे लगेगा.
डॉक्टर से पूछ कर चमड़ी के नीचे लगे इंजेक्शन की जगह सिकार्इ करनी चाहिए.
बीमारी की रोकथाम के लिए भैंस को मिनरल सॉल्ट खिलाएं.
ब्याने के 2-3 दिन बाद तक सारा दूध एक साथ न निकालें, दूध थनों में छोड़ते रहें.

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