Dog Bite: गली-सड़क पर कुत्तों के लिए करें ये चार खास काम, फिर किसी पर नहीं करेंगे हमला 

Dog Bite: गली-सड़क पर कुत्तों के लिए करें ये चार खास काम, फिर किसी पर नहीं करेंगे हमला 

डॉग एक्सपर्ट का कहना है कि कुत्तों के रहन-सहन और खानपान में आए बदलावों के चलते गली-सड़क के कुत्ते आक्रामक हो रहे हैं. इंसानों के दखल के चलते ये बदलाव आया है. इतना ही नहीं पर्यावरण और गंदगी को देखते हुए कुत्तों के खाने-पीने में कमी आई है. दूसरा ये कि किसी न किसी वजह से इंसानों ने कुत्तों को खाना डालना भी बंद कर दिया है. 

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Apr 02, 2025,
  • Updated Apr 02, 2025, 6:24 PM IST

स्ट्रीट डॉग (गली-सड़क के कुत्ते) के बारे में डराने वाली रिपोर्ट आ रही हैं. कुत्ते लगातार खूंखार हो रहे हैं. लोगों पर हमला कर रहे हैं. बच्चे ही नहीं बड़ों पर भी हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं. हाल ही में केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट से भी इसका खुलासा हो जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक लगातार इंसानों पर कुत्तों के हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसा भी नहीं है कि ये घटनाएं सिर्फ गर्मियों में ही बढ़ रही हैं, इसी साल जनवरी का आंकड़ा कई बार सोचने पर मजबूर कर रहा है.

लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो कुत्तों के इन हमलों को कम किया जा सकता है. खासतौर पर गर्मी में कुत्ते ज्यादा उत्तेजित हो जाते हैं. ऐसा गर्म मौसम के चलते होता है. लेकिन, अगर डॉग स्पेशलिस्ट और गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (गडवासु), लुधियाना में डॉग डिपार्टमेंट के मेडिसिन हैड डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा की मानें तो गर्मियों में छोटे-छोटे तीन-चार काम करें तो गली के कुत्ते कभी नहीं काटेंगे. 

गर्मियों में कुत्तों के लिए जरूर करें ये चार काम 

डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा का कहना है कि गर्मी के इस मौसम में कुत्ते बहुत आक्रामक हो जाते हैं. उसकी वजह ये है कि 40 से 45 डिग्री तापमान होने पर उनकी यह गर्मी और बढ़ जाती है. इंसानों की तरह से कुत्तों की गर्मी पसीने की तरह से नहीं निकलती है. मुंह के रास्ते ली जाने वाली सांस से वो अपने शरीर की गर्मी को मेंटेन करते हैं. जब गर्मी बहुत बढ़ जाती है तो ऐसा करने में उन्हें बहुत तकलीफ होती है. इसके चलते उनके अंदर चिढ़-चिढ़ापन आ जाता है. 

आसपास घने पेड़ न होने के चलते उन्हें छांव भी नहीं मिल पाती है. घर के आसपास ठंडी जगह में हम उन्हें बैठने नहीं देते हैं. कार के नीचे बैठें तो हम उन्हें मारने लगते हैं. ऐसे वक्त न तो उन्हें खाना ही मिल पाता है और ना ही पानी. ऐसा भी नहीं होता है कि कोई उनके बदन पर पानी डाल दे तो उन्हें कुछ राहत मिले. जागरुकता की कमी के चलते लोग गली के कुत्तों की परेशानी को समझ नहीं पाते हैं. 

दो काम करने के बाद घर ला सकते हैं गली कुत्ता 

डॉ. अश्वानी का कहना है कि गली के कुत्तों के लिए जागरुकता बढ़ाई जानी चाहिए. डी वॉर्म और वैक्सीनेशन करके इन कुत्तों को भी गोद लिया जा सकता है. घर में इन्हें दूसरे पैट की तरह से रखा जा सकता है. इनकी नसबंदी करा कर और किसी एनजीओ की मदद से समय-समय पर इन्हें इलाज देकर भी गली के अंदर अच्छी तरीके से रखा जा सकता है. 

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