पशुओं का दूध मशीन से निकालने का चलन अभी शुरू हुआ है. मशीन का इस्तेमाल भी वहां हो रहा है जहां पशुओं की संख्या ज्यादा है. वर्ना तो गांव-देहात ही नहीं शहरों में आज भी हाथ से ही पशुओं का दूध निकाला जा रहा है. हालांकि मशीन के मुकाबले हाथ से दूध निकालने में वक्त और मेहनत ज्यादा लगती है. लेकिन हाथ से दूध निकालने के दौरान अगर कुछ बातों का ख्याल नहीं रखा जाए तो फिर दूध खराब होने की आशंका भी बनी रहती है. कुछ खराब चीजों के चलते दूध बहुत ज्यादा देर तक नहीं चल पाता है.
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो हाथ से दूध निकालने के दौरान बहुत ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि हाथ से दूध निकालने के दौरान बरती गई छोटी सी लापरवाही भी पशु के साथ ही दूध पीने वाले को भी बीमार कर सकती है. पशु चिकित्सक बताते हैं कि अगर दूध निकालने से पहले हाथों को ठीक ढंग से नहीं धोया है तो पशु को जानलेवा थनैला बीमारी भी हो सकती है.
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डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत कम चांस इस बात के होते हैं कि पशु के अंदर से दूध संक्रमित निकले. असल में पशुपालक की कुछ गलतियों और मिलावट के चलते ही दूध संक्रमित होता है. यही वजह है कि दूध बहुत देर तक नहीं चलता और खराब हो जाता है. लेकिन छोटी-छोटी सावधानियों से इस तरह की गलतियां सुधारी जा सकती हैं.
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