रोजाना 28 लीटर से ज्यादा दूध देती है ये भैंस. मेले-प्रदर्शनी में हजारों लोग इसे देखने आते हैं. वैसे तो मेले में दर्जनों गाय-भैंस होती हैं, लेकिन पशुपालकों की नजर इसी भैंस पर ठहरती है. गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनीमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना के बुफैलो फार्म की ये शान है. यूनवर्सिटी के मुताबिक यह भैंस रोजाना 28.7 लीटर दूध देती है. यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट की मानें तो मुर्रा नस्ल की ये भैंस चौथी ब्यात (प्रजनन) में इतना दूध दे रही है. हर पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियान के परिसर में लगने वाले पशु मेले में यूनिवर्सिटी इस भैंस को प्रदर्शनी में शामिल करती है.
एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो मुर्रा नस्ल की भैंस की डिमांड सिर्फ हरियाणा ही नहीं देश के दूसरे राज्यों में भी है. राज्य सरकारें खुद अलग-अलग स्कीम के तहत मुर्रा भैंस की खरीदकर उन्हें पशुपालकों के बीच वितरित करती हैं. एक आंकड़े के मुताबिक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकार सबसे ज्यादा मुर्रा भैंस खरीदती है.
इसे भी पढ़ें: Animal Husbandry: गाय-भैंस का बांझपन दूर होते ही दोबारा गाभिन कराने में ना करें देरी, जानें डिटेल
गडवासु के डॉ. नवदीप सिंह ने किसान तक को बताया कि आमतौर पर पशुपालक अपने पशु को तीन तरह का चारा अलग-अलग वक्त पर अलग-अलग तरीके से खिलाते हैं. जैसे सूखा चारा अलग देंगे, दाना अलग से खिलाएंगे. वहीं हरा चारा खासतौर पर शाम के वक्त अलग से खाने के लिए देंगे. लेकिन हम लोग ऐसा नहीं करते हैं. गाय-भैंस ज्यादा दूध देने वाले हों या फिर कम दूध, खाने का तरीका एक ही रहता है. यह बात अलग है कि दूध की मात्रा के मुताबिक चारे की मात्रा कम-ज्यादा होती रहती है.
अगर हम 28 लीटर दूध देनी वाली मुर्रा भैंस की बात करें तो हम सभी तरह का दाना और चारा मिक्स करके सानी की शक्ल में इसे खिलाते हैं. जैसे अगर हम मक्का या चुकंदर का सूखा (साइलेज) चारा दे रहे हैं या फिर कोई दानेदार फीड और हरा चारा, सभी को एक साथ मिलाकर उसकी सानी बना लेते हैं. फिर उस सानी को इन्हें खाने के लिए दे दिया जाता है.
प्रधान नरेन्द्र सिंह बताते हैं कि टेंडर के माध्यम से राज्य सरकारें जो मुर्रा भैंस की खरीद करती हैं उनकी कीमत औसत 80 हजार से एक लाख रुपये तक आती है. जबकि मुर्रा भैंस के जो खरीदार सीधे आते हैं उन्हें एक मुर्रा भैंस एक लाख से लेकर सवा लाख रुपये तक की पड़ती है. हरियाणा से बड़ी संख्या में मुर्रा भैंस खरीदने वालों में यूपी, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्या प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और बिहार के लोग होते हैं.
इसे भी पढ़ें: CIRG: कम खर्च में ऐसे बढ़ेगा मनपसंद बकरे-बकरियों का कुनबा, जानें डिटेल
मुर्राह भैंस के सौदे करने ज्यादातर कारोबारी सीधे हरियाणा आते हैं. पशु मेलों में यह कारोबारी पहले मुर्रा के बारे में जानकारी जुटा लेते हैं कि कहां, कैसी और कितने की मिल रही है. 2009 तक स्पेशल ट्रेन से भैंसे दूसरे राज्यों को भेजी जाती थीं, लेकिन अब ट्रक से भेजी जाती हैं.