Green fodder: सर्दियों में गाय-भैंस को बहुत होती है पेट की ये बीमारी, ऐसे करें पहचान और इलाज 

Green fodder: सर्दियों में गाय-भैंस को बहुत होती है पेट की ये बीमारी, ऐसे करें पहचान और इलाज 

Green fodder चारे की नमी से गाय-भैंस के शरीर में माइकोटॉक्सिन नाम की बीमारी होने का खतरा भी बना रहता है. ये एक जानलेवा बीमारी है. केन्द्र सरकार का पशुपालन मंत्रालय पशुपालकों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरुक कर रहा है. समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जाती है. एडवाइजरी में अफरा से होने वाले नुकसान, पशु में अफरा की पहचान और उसके होने की वजह बताई जाती हैं.  

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Dec 08, 2025,
  • Updated Dec 08, 2025, 11:11 AM IST

Green fodder पेट फूलना, कब्ज होना, पतला गोबर करना और कम चारा खाना. ये वो लक्षण हैं जो गाय-भैंस में सर्दियों में भी खूब दिखते हैं. ऐसा नहीं है कि बरसात के दिनों में ही पशुओं का पेट खराब होगा. सर्दी के मौसम में भी नमी बहुत होती है तो अक्सर ताजा कटा हुआ हरा चारा खाने के चलते पशुओं का पेट खराब हो जाता है. और इसका सबसे पहला सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है. साथ ही ये परेशानी पशुपालक की लागत को भी बढ़ा देती है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि बरसात की तरह से सर्दियों के मौसम में भी हरा चारा गीला हो जाता है. उसमे नमी बढ़ जाती है. 

गीला हरा चारा खि‍लाने से उसका असर पेट पर दिखने लगता है. दिखने में पेट की ये बीमारी बहुत मामूली सी लगती है, लेकिन कई बार इसके चलते पशु की मौत भी हो जाती है. क्योंकि नमी वाला हरा चारा खाने से पशु का पेट फूल जाता है. गैस पास नहीं होती है. पशु बैचेन हो जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि नमी वाला चारा खाने के चलते पशु के पेट में कुछ खराब गैस जैसे कार्बन-डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन-सल्फाइड, नाइट्रोजन और अमोनिया बनने से ये परेशानी होती हैं.

पशुओं को ऐसे खि‍लाएं ताजा हरा चारा 

फीड एक्सपर्ट डॉ. डीके मल्होत्रा का कहना है कि बरसात और सर्दियों के दौरान हरे चारे में नमी की मात्रा बढ़ जाती है. अब पशु जब इस चारे को खाता है तो उसे डायरिया समेत पेट संबंधी और कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. कई बार बरसात के दिनों में डायरिया पशुओं के लिए जानलेवा भी हो जाता है. अब इस तरह की परेशानी से बचने के लिए पशुपालकों को करना ये चाहिए कि जब पशु को हरा चारा खाने में दें तो उसे सूखा चारा भी खि‍लाएं. ऐसा करने के चलते चारे में मौजूद नमी की मात्रा कंट्रोल हो सकेगी. क्योंकि चारा खाने के बाद पशु पानी भी पीता है. इसके चलते पशु के दूध की क्वालिटी भी खराब हो जाती है. इसलिए ये जरूरी है कि सूखा चारा खि‍लाने के साथ-साथ हम उसे मिनरल्स जरूर दें. 

गाय-भैंस का पेट खराब हो तो ऐसे करें इलाज

गाय-भैंस अफरा से पीडि़त हो, पेट फूल रहा हो और गैस पास नहीं हो रही हो तो फौरन ही घर पर इलाज शुरू कर सकते हैं. खास बात ये है कि इलाज का ज्यादातर सामान रसोई में ही मिल जाएगा. इसके साथ ही पशु के पेट को बायीं और पेड़ू के पास अच्छी तरह से मालिश करनी चाहिए. वहीं पशु को ऐसे स्थान पर बांधें जहां उसका यानि गर्दन वाला धड़ ऊंचाई पर हो.

टिंचर हींग - 15 मि.ली
स्पिरिट अमोनिया एरोमैटिक्स - 15 मिली
तेल तारपीन - 40 मिलीलीटर
अलसी का तेल - 500 मि.ली
इन सबको मिलाकर भी अफरा पीडि़त पशु को देने से उसे राहत मिलती है. 

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