एवियन इन्फ्लूएंजा को बर्ड फ्लू भी कहा जाता है. ये पक्षियों में होने वाली खतरनाक जानलेवा बीमारी है. बर्ड फ्लू एक पक्षी से दूसरे पक्षी में संक्रमण से होता है. बर्ड फ्लू को लेकर अक्सर कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं. इसी में से दो अहम सवाल है कि क्या बर्ड फ्लू इंसानों को भी होता है, क्या इंसानों से इंसानों में भी बर्ड फ्लू फैलता है. ऐसा नहीं है कि बर्ड फ्लू किसी दो-चार देशों की परेशानी है. आज दुनियाभर के ज्यादातर देश बर्ड फ्लू बीमारी से जूझ रहे हैं.
क्योंकि ये बीमारी जिस देश में भी फैलती है वहां के पोल्ट्री कारोबार पर इसका सीधा असर पड़ता है. हालांकि हमारे देश में बर्ड फ्लू की एक वैक्सीन तैयार हो चुकी है और दूसरी पर काम चल रहा है. पोल्ट्री एक्सपर्ट तो यहां तक सलाह देते हैं कि अगर कहीं कोई पक्षी मरा हुआ पाया जाए तो अलर्ट हो जाएं और संबंधित विभाग को सूचना देने में देर ना करें.
ये भी पढ़ें- Poultry Egg: UNO और अमेरिकन FDA ने अंडे को लेकर उठाया ये बड़ा कदम, पढ़ें डिटेल
बर्ड फ्लू वायरस के कारण होने वाला संक्रमण है. ये वायरस पक्षियों में स्वाभाविक रूप से पाए जाते हैं. दुनिया भर में पालतू हों जंगली ये पक्षियों की आंतों में पाया जाता है. जंगली पक्षी जल्दी इससे बीमार नहीं पड़ते हैं. लेकिन ये वायरस मुर्गियों और बत्तख समेत दूसरे पालतू पक्षियों को जल्दी बीमार कर देता है और उनकी जान तक ले लेता है.
एक्सपर्ट की मानें तो बर्ड फ्लू का वायरस आमतौर पर तो इंसानों को संक्रमित नहीं करता है, लेकिन साल 1997 के बाद से इंसानों में बर्ड फ्लू होने के कई केस सामने आ चुके हैं. लेकिन अभी तक ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है कि बर्ड फ्लू का संक्रमण इंसानों से इंसान में फैला हो. मनुष्यों में बर्ड फ्लू संक्रमण के ज्यादातर मामले संक्रमित पोल्ट्री या दूषित जगहों के संपर्क में आने से हुए हैं.
पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि बर्ड फ्लू से पीडि़त पक्षी अपनी लार, नाक के स्राव और मल में बर्ड फ्लू वायरस छोड़ता है. और दूसरे पक्षी तब संक्रमित होते हैं जब वे संक्रमित पक्षी के मलमूत्र या मलमूत्र से दूषित जमीन के संपर्क में आते हैं.
बर्ड फ्लू के दौरान पोल्ट्री प्रोडक्ट अंडा और चिकन खाए जा सकते हैं. इस बारे में डायटिशियन का कहना है कि बर्ड फ्लू के दौरान खाना पकाने में स्वच्छता और नियमों का पालन करना चाहिए. अगर आप अंडा या चिकन बनाने जा रहे हैं तो उसे 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर बनाना चाहिए. इतना ही नहीं बाजार से लाए गए अंडे और चिकन को छूने के बाद अपने हाथों को साबुन से जरूर धोएं.
ये भी पढ़ें- Poultry Egg: “पांच-छह साल में हम अंडा एक्सपोर्ट को दो सौ से तीन सौ करोड़ पर ले जाएंगे”