बर्ड फ्लू पक्षियों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी है. यह बीमारी बहुत तेजी से फैलता है. यह बीमारी देखते ही देखते पूरे पोल्ट्री फार्म को तबाह कर देता है. वही होली के त्योहार से पहले झारखंड के बोकारो जिला में बर्ड फ्लू की आहट हो गई है. बोकारो जिले में बर्ड फ्लू से कुछ दिनों में लगभग 400 से अधिक मुर्गियों की मौत का मामला सामने आया है. दरअसल, बोकारो जिला में राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र में अचानक से मुर्गियों की मौत होने लगी है. पिछले 18 दिनों में करीब 400 मुर्गियों के मरने से बोकारो में सनसनी मच गई है. संभावना बर्ड फ्लू का जताया जा रहा है. जिले में बर्ड फ्लू की आशंका के मद्देनजर एहतियात बरता जा रहा है. मुर्गियों के मरने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है.
हालांकि, मामले में बोकारो पशुपालन विभाग के अधिकारी कह रहे हैं जब तक लैब रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक इसे बर्ड फ्लू कहना उचित नहीं है. फिलहाल मुर्गियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फाउल कॉलरा का रिपोर्ट आया है. बोकारो के इस राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र में कड़कनाथ और रोड आइलैंड रेड अमेरिकन प्रजाति के मुर्गियों का ब्रीडिंग किया जाता है.
बताते चलें की पशुपालन निदेशक चंदन कुमार के नेतृत्व में रांची की एक टीम बोकारो पहुंची थी. टीम ने बोकारो के राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र में आकर स्थिति का जायजा लिया. इसके पहले मुर्गियों का सैंपल कोलकाता भेजा गया. कोलकाता के लैब से कुछ सैंपल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज भोपाल भेजा गया है.
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यहां की रिपोर्ट का पशुपालन विभाग की तरफ से इंतजार किया जा रहा है. पशुपालन निदेशालय की तरफ से सरकारी पोल्ट्री में सभी मुर्गियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है. बोकारो में सरकारी मुर्गी फार्म में एहतियात के तौर पर दवाई का छिड़काव किया जा रहा है साथ ही किसी के प्रवेश पर वर्जित है.
वही इस राजकीय कुकुट क्षेत्र के स्टोर कीपर चंद्रभूषण प्रसाद ने बताया कि यहां कड़कनाथ और रोड आइलैंड रेड अमेरिकन प्रजाति की मुर्गियां हैं, जहां दोनों प्रजातियों के करीब 400 मुर्गियां की मौत पिछले 18 दिन के अंदर हुई है. यहां दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है, और मरी हुई मुर्गियों को जमीन खोदकर गाड़ा जा रहा है.
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बोकारो जिला पशुपालन पदाधिकारी मनोज मणि ने बताया कि मुर्गियों के मरने की सूचना प्राप्त हुई है, पर क्षेत्र के डायरेक्टर के साथ बैठक कर एहतियातन रुप से एक टीम का गठन भी कर दिया गया है, ताकि इससे बचाव किया जा सके. जब तक लैब रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक इसे बर्ड फ्लू कहना उचित नहीं है. आधिकारिक तौर पर हम इसे वार्ड फ्लू नही कह सकते. फिलहाल मुर्गी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फाउल कॉलरा का रिपोर्ट आया है. लेकिन लक्षण बर्ड फ्लू जैसे प्रतीत हो रहे हैं.
(रिपोर्ट: संजय कुमार)
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