इंडियन पोल्ट्री बाजार अब दूसरे देशों में भी पैर पसारने की तैयारी कर रहा है. रूस के पोल्ट्री बाजार में इंडियन पोल्ट्री सेक्टर के लिए कई बड़े मौके हैं. ये कहना है इंडियन पोल्ट्री इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IPEMA) के प्रेसिडेंट उदय व्यास का. हाल ही में उदय व्यास ने मॉसको में आयोजित एक पोल्ट्री एक्सपो में हिस्सा लिया था. जहां उनकी मुलाकात रूस के कई बड़े पोल्ट्री कारोबारियों से हुई थी. इस मौके पर मॉस्को में भारतीय उच्चायोग में आर्थिक विंग के उप प्रमुख रजनीश पाटीदार भी मौजूद थे.
उदय का कहना है कि रूस-उक्रेन युद्ध के बाद से वहां के पोल्ट्री बाजार में भारत के लिए संभावनाएं बढ़ी हैं. और इन्हीं संभावनाओं पर बात करने और पोल्ट्री बाजार में बन रहे मौके का फायदा उठाने के लिए नए साल की जनवरी में भारत से 500 लोगों का एक डेलीगेशन रूस जाएगा. जहां दोनों देश के लोग पोल्ट्री सेक्टर के बारे में बात करेंगे.
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उदय ब्यास ने किसान तक से बातचीत के दौरान बताया कि रूस में इंडियन पोल्ट्री से जुड़े फार्मेसी, वैक्सीन, बैटरी केज, फीडिंग उपकरण, हाउसिंग, ब्रीडर केज की बड़ी डिमांड है. आज भारत में जिस तरह से अंडे देने वाली लेअर बर्ड और चिकन के लिए तैयार किए जाने वाले ब्रायलर मुर्गे तैयार किए जा रहे हैं और जिस तरह से उनका पालन हो रहा है वो दूसरे देशों के लिए एक नजीर है. इंडियन पोल्ट्री फार्म में इस्तेमाल होने वाले इक्विपमेंट की भी खूब चर्चा हो रही है. उत्पादन और क्वालिटी को बढ़ाने वाले इक्विपमेंट को लेकर लगातार लोग संपर्क कर रहे हैं. जिस तरह से पोल्ट्री में होने वाली बीमारियों को वैक्सीन और दवाईयों से कंट्रोल किया जा रहा है उसे लेकर भी लोगों के बीच एक जिज्ञासा है.
उदय ने बताया कि एक्सपो के दौरान मॉस्को में भारतीय उच्चायोग में आर्थिक विंग के उप प्रमुख रजनीश पाटीदार भी मौजूद थे. उन्होंने आईपीईएमए स्टैंड का दौरा भी किया. साथ ही पाटीदार ने सभी सदस्यों से बातचीत के दौरान भारतीय पोल्ट्री उपकरणों को बढ़ावा देने के लिए भरोसा जताया. उन्होंने भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने में सहयोग की संभावना को पहचानते हुए भारतीय दूतावास का हर तरह का समर्थन देने की बात भी कही.
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वहीं दूसरी ओर यूरेशियन पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सर्गेई शादेव और भारतीय टीम ने रूस में भारतीय कंपनियों के प्रचार के बारे में चर्चा की. विकास की संभावनाओं का पता लगाने के लिए रूसी पोल्ट्री उद्योग में प्रमुख खिलाड़ियों से जुड़ने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है. इस पहल का उद्देश्य भारतीय कंपनियों के लिए रूस में अपने उत्पादों और सेवाओं को बेचने के लिए एक गुंजाइश बनाना है.