Goat Farming: भेड़-बकरी की आंखों की करते रहें जांच, ऐसे पता चलती है खतरनाक बीमारी

Goat Farming: भेड़-बकरी की आंखों की करते रहें जांच, ऐसे पता चलती है खतरनाक बीमारी

भेड़-बकरियों में कुछ ऐसे सामान्य लक्षण हैं जिनकी पहचान पशुपालक खुद कर सकता है और उसके आधार पर भेड़-बकरी का इलाज भी करवा सकता है. इसी तरह से भेड़-बकरी की आंखों में होने वाले लक्षण को पहचान कर एक खतरनाक बीमारी का पता लगाया जा सकता है. 

नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Jan 08, 2024,
  • Updated Jan 08, 2024, 1:17 PM IST

हीमोकस एक खतरनाक परजीवी है. गोट एक्सपर्ट की मानें तो ये खासतौर से भेड़ और बकरी में पाया जाता है. अगर ये एक बार भेड़-बकरी के पेट में आ गया तो फिर उस पशु का पनपना मुश्किल है. फिर चाहें आप उस भेड़-बकरी को कितना ही हरा और सूखा चारा समेत दाना और मिनरल खिला लें. हालांकि ये खतरनाक जरूर है, लेकिन इस परजीवी की पहचान और इलाज संभव है वो भी बहुत ही आसान तरीके से. खुद गांव में रहने वाला एक पशुपालक भी इसकी पहचान कर सकता है कि उसके भेड़-बकरी में हीमोकस परजीवी है या नहीं. 

पशु की आंखों को देखकर इस परजीवी की पहचान की जा सकती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के एक्सपर्ट की मानें तो इस बीमारी के चलते कभी-कभी भेड़-बकरी की मौत भी हो जाती है. इतना ही नहीं बकरी के यूरिन और उसकी मेंगनी में होने वाले बदलाव से भी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है.

गोट एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी पालन में पशुपालक को सबसे ज्यादा नुकसान बकरियों की मृत्यु से होता है. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर बकरियों की निगनानी की जाए तो बकरियों को होने वाली बीमारी का पहले से ही पता लगाया जा सकता है. 

इसे भी पढ़ें: Goat Farming: पत्ते से लेकर तना तक खाती हैं बकरियां, दूध भी बढ़ता है, पूरे साल मिलता है ये चारा

बीमार होने पर बकरी की आंखों में होते हैं यह बदलाव 

सीआईआरजी के प्रिंसीपल साइंटिस्ट डॉ. आरएस पवैया ने किसान तक को बताया कि यह जरूरी नहीं कि डॉक्टर के पास ले जाने पर ही बकरी केबीमार होने का पता चलेगा. बकरी में होने वाले बदलावों को देखकर पशुपालक भी उसके बीमार होने का पला लगा सकते हैं. जैसे भेड़-बकरी के अंदर जब हिमोकस नाम का पैरासाइड पलने लगता है तो भेड़-बकरी की आंखों में बदलाव होने लगता है. 

इसे भी पढ़ें: दिसम्बर-जनवरी में भेड़-बकरी के बच्चों को निमोनिया से बचाना है तो तैयार करें ये खास शेड 

क्योंकि हिमोकस भेड़-बकरी का खून चूसता है. और जब यह खून चूसने लगता है तो इसकी संख्या भी बढ़ने लगती है. इसलिए अगर आपने गौर किया हो तो स्वस्थ भेड़-बकरी की आंखें एकदम से चमकीली लाल-गुलाबी होती हैं. लेकिन अगर उसके पेट में हिमोकस है तो आंख हल्की गुलाबी हो जाती है. जैसे-जैसे हिमोकस की संख्या बढ़ती जाती है और वो खून चूसते हैं तो भेड़-बकरी की आंख सफेद पड़ने लगती है. जिसका मतलब यह है कि भेड़ या बकरी में खून की कमी हो रही है. यह पता चलते ही भेड़ या बकरी का स्वास्थ्य  परीक्षण कराएं और जल्द  से जल्द डॉक्टर को दिखाएं. 
 

 

MORE NEWS

Read more!