हिसार जिले के हरिकोट गांव में बीते एक हफ्ते में करीब 10 मवेशियों की मौत हो चुकी है. इससे गांव में पशुपालकों के बीच भारी दहशत का माहौल बन गया है. लोगों को शक है कि यह किसी वायरल संक्रमण के कारण हो रहा है, जो हाल ही में आई बाढ़ और नाले के टूटने के बाद फैला है.
गांव के निवासी राजेश ने बताया कि 22 सितंबर को ही 4 पशुओं की मौत हुई थी. उनके साथ-साथ रासल, रमेश, संदीप, रविंद्र, पुष्कर, राम किशन और मदन कुमार जैसे कई ग्रामीणों के पशु मारे गए हैं. गांववालों के अनुसार, कई भैंसें, गायें और बछड़े गंभीर रूप से बीमार हैं. इन मौतों से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.
ग्रामीणों को अंदेशा है कि यह फुट एंड माउथ डिज़ीज (FMD) हो सकती है, लेकिन पशु चिकित्सकों की राय कुछ और है. मंगाली अस्पताल की पशु चिकित्सक डॉ. मीतू ने बताया कि गांव में जैसे ही जानवरों की मौत की खबर मिली, हमने एफएमडी और एचएस के खिलाफ टीकाकरण शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि यह बीमारी शायद गंदा और रुका हुआ पानी पीने से फैली है, जो भारी बारिश और नहर टूटने के बाद खेतों में जमा हो गया था.
डॉ. मीतू ने बताया कि किसी भी मरे हुए पशु का पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया, जिससे सटीक कारण का पता नहीं चल सका. हालांकि, हमारी टीमें बीमार जानवरों का इलाज कर रही हैं और गांव में टीकाकरण अभियान जारी है.
गांव के लोग अभी भी भय के माहौल में हैं और हर दिन किसी न किसी पशु की जान जा रही है. एक अन्य किसान ने कहा, “हमारे पास बचे हुए जानवरों को बचाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. हम बहुत परेशान हैं.”
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा और जिला प्रशासन से विशेष पशु चिकित्सक टीम भेजने की मांग की है. साथ ही, जिन किसानों के मवेशियों की मौत हुई है, उन्हें मुआवजा देने की अपील की है.
हरिकोट गांव में मवेशियों की लगातार हो रही मौतों ने पूरे इलाके में चिंता का माहौल बना दिया है. समय रहते बीमारी की पहचान और रोकथाम बेहद जरूरी है, ताकि और अधिक नुकसान से बचा जा सके. प्रशासन और पशुपालन विभाग को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है.
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