Goat Lamb: अक्टूबर में ज्यादातर बकरियां देती हैं बच्चे, अभी से ये तैयारी की तो नहीं पड़ेंगे बीमार

Goat Lamb: अक्टूबर में ज्यादातर बकरियां देती हैं बच्चे, अभी से ये तैयारी की तो नहीं पड़ेंगे बीमार

Goat Lamb Birth बकरियां एक बार में दो बच्चे देती है. कुछ खास नस्ल की बकरियां तीन बच्चे भी देती हैं. लेकिन दो और तीन बच्चे मुनाफे में तभी बदलते हैं जब वो जिंदा रहें. यही वजह है कि बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए बकरी पालक पहले से तय करके एक खास वक्त पर बकरी से बच्चे पैदा करा रहे हैं. अक्टूबर में ज्यादातर ऐसे ही बच्चे पैदा होते हैं. 

Goat Farming Buiness IdeaGoat Farming Buiness Idea
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Sep 24, 2025,
  • Updated Sep 24, 2025, 1:59 PM IST

Goat Lamb Birth जिस तरह सूदखोर को मूलधन से ज्यादा ब्याज अच्छी लगती है, ठीक वैसे ही पशुपालक को बकरी से ज्यादा उसके बच्चे अच्छे लगते हैं. और लगें भी क्यों न, आखि‍र बकरी पालन में सबसे ज्यादा मुनाफा बकरी के बच्चों से ही होता है. क्योंकि बकरी पालन दूध से ज्यादा मीट के लिए होता है और उसके लिए बच्चे चाहिए होते हैं. गोट एक्सपर्ट की मानें तो बकरियां औसत दो से तीन बच्चे तक देती हैं. लेकिन ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए जरूरी ये है कि बकरी के पैदा हुए सभी बच्चे जिंदा रहें. 

और इसी जोखि‍म को कम करने के लिए बकरी पालक बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए पहले से तय करके एक खास वक्त पर बकरी से बच्चे पैदा करा रहे हैं. इसमे अक्टूबर भी शामिल है. लेकिन इस दौरान मौसम बहुत तेजी के साथ बदलता है. ऐसे में बच्चों को विपरीत मौसम से बचाने के लिए खास देखभाल की जरूरत होती है. इसमे जन्म से पहले और जन्म के बाद होने वाली देखभाल शामिल है.  

बकरी के बच्चे की देखभाल के लिए अपनाएं ये उपाय 

  • बच्चे के पैदा होते ही उसे मां का दूध पिलाएं.
  • बच्चे के वजन के हिसाब से ही उसे दूध पिलाएं. 
  • वजन एक किलो हो तो 100-125 ग्राम दूध पिलाएं. 
  • बच्चे को दिनभर में तीन से चार बार में दूध पिलाएं. 
  • दूध पिलाने के लिए बकरी की जैर गिरने का इंतजार ना करें.
  • बच्चा 18 से 20 दिन का हो तो चारे की कोपल खि‍लाएं. 
  • बच्चा एक महीने का हो जाए तो पिसा हुआ दाना खि‍लाएं. 

छोटे बच्चों को मौसम से बचाने को करें ये काम 

अगर आप साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन कर रहे हैं तो फिर बकरी अपने शेड में सितम्बर-अक्टूबर में बच्चा देगी या फिर मार्च-अप्रैल में ये मौसम का वो वक्त है जब ना तो ज्यादा गर्मी होती है और ना ही ज्यादा सर्दी. बावजूद इसके बकरी के बच्चे को उचित देखभाल की जरूरत होती है. 

  • बच्चे को मौसम से बचाने के लिए जरूरी उपाय पहले से ही कर लें. 
  • जमीन पर बिछावन के लिए पुआल का इस्तेमाल करें.
  • तीन महीने का होने पर बच्चे का टीकाकरण शुरू करा दें.
  • डॉक्टर की सलाह पर पेट के कीड़ों की दवाई दें.
  • जन्म से एक-डेढ़ महीने पहले बकरी की खुराक बढ़ा दें. 
  • बकरी को भरपूर मात्रा में हरा, सूखा चारा और दाना खाने को दें.
  • निष्कर्ष-

गोट एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी के बच्चों की मृत्यु् दर कम करने के लिए ये जरूरी है कि हम उसकी देखभाल के साथ ही उसके खानपान का भी ध्यान रखें. उम्र के साथ उसका वैक्सीनेशन भी कराएं. 

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