Indian Shrimp Export अमेरिका की ओर से टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद से भारतीय झींगा कई तरह की परेशानियों से जूझ रहा है. टैरिफ बढ़ने से पहले अमेरिका को भारत से करीब पांच लाख टन झींगा एक्सपोर्ट होता था, लेकिन अभी इस पर ब्रेक लग गया है. अब नई आशंका ये सामने आ रही है कि लुइसियाना (अमेरिका) के सीनेटरों की ओर से लाए गए प्रस्ताव के बाद झींगा की मुश्किेलें और बढ़ सकती हैं. सीनेटर ने भारत की ओर से सस्ता झींगा और प्रोडक्ट की एंटी डंपिंग के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव के पेश होने के बाद अब भारत के समुद्री खाद्य निर्यात को और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
सीनेटर ने इस प्रस्ताव के समर्थन में तर्क देते हुए कहा है कि लुइसियाना के झींगा और कैटफ़िश उद्योगों की सुरक्षा के लिए भारतीय झींगा टैरिफ अधिनियम पेश किया. साथ ही उन्होंने लुइसियाना के समुद्री खाद्य और उस पर निर्भर नौकरियों की सुरक्षा के लिए समान अवसर की मांग भी की है. विधेयक में कहा गया है कि भारतीय झींगों को अमेरिकी बाजार में बहुत लंबे समय से डंप किया जा रहा है.
भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक संघ के महासचिव केएन राघवन ने द हिन्दु बिजनेस लाइन को दिए गए बयान में कहा है कि दक्षिणी अमेरिका में एक कंपनी भारतीय झींगा के प्रवेश को प्रतिबंधित कराने की लगातार कोशिश कर रही है. टैरिफ को और बढ़ाने का वर्तमान कदम इसी संबंध में उनकी कोशिश का एक हिस्सा है. कंपनी का आरोप कि भारत अमेरिका में घटिया झींगा डंप कर रहा है, लेकिन ये आरोप सरासर गलत है. जबकि हकीकत ये है कि भारतीय झींगा अपनी उच्च गुणवत्ता और अपने किफायती दाम के चलते ही अमेरिकी बाजार में जगह बना पाया है.
वहीं दूसरी ओर किंग्स इन्फ्रा के प्रबंध निदेशक शाजी बेबी जॉन ने भी द हिन्दु से बात करते हुए आरोप लगाया कि अमेरिका में भारत के खिलाफ एक लॉबी काम कर रही है और सरकार को ऐसे खतरों का डटकर सामना करना चाहिए. नये विधेयक को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है, खासकर मौजूदा 55 फीसद टैरिफ को देखते हुए, क्योंकि इंडियन सीफूड एक्सपोर्ट 120 से ज्यादा देशों में हो रहा है.
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