राजस्थान ने बीते दो महीने में ऐसे कुछ काम किए हैं जो देश में पहली बार हुए हैं. चाहे वो गिग वर्कर्स एक्ट हो या मिनिमम गारंटी एक्ट. खेती-किसानी की पढ़ाई के लिए भी राजस्थान ने एक ऐसा ही रिकॉर्ड बना दिया है. अब राजस्थान देश में पहला राज्य है जहां दो पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हैं. गुरूवार को इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि इसकी घोषणा मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट में की थी. जारी अधिसूचना के अनुसार अब जोबनेर में दूसरा पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी खोली जाएगी. इससे पहले विधानसभा सत्र में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने यह विधेयक विधानसभा में पेश किया था. तब यह ध्वनिमत से पारित हो गया था.
जोबनेर में दो पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय खुलने से जयपुर और आसपास के जिलों के ग्रामीण बच्चों को इस विषय की पढ़ाई सरकारी स्तर पर मिल पाएगी. जोबनेर से पहले बीकानेर में पशु विज्ञान विश्वविद्यालय चल रहा है. अब जोबनेर में खुलने से पूर्वी और शेखावाटी क्षेत्र के बच्चों को घर से नजदीक ही पशु चिकित्सा और विज्ञान की पढ़ाई मिल जाएगी.
इस मौके पर पशुपालन और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां दो पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय होंगे. पशुधन को बचाने एवं पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जोबनेर में राज्य का दूसरा पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय खोला जा रहा है.
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राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 55 फीसदी भाग रेगिस्तान है. करीब 75% आबादी गांवों में रहती है. 2019 पशुगणना के अनुसार प्रदेश में करीब 5.67 करोड़ मवेशी हैं. इसमें 1.39 गौवंश, 1.36 भैंस, 80 लाख भेड़, 2.08 करोड़ बकरी और करीब 2.13 लाख ऊंट शामिल हैं. देश के कुल दूध उत्पादन में राजस्थान का पहला स्थान है.
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साथ ही राजस्थान की अर्थव्यवस्था में पशुपालन का 10 फीसदी शेयर है. जबकि कृषि और पशुपालन पूरी एसजीडीपी में 22% का योगदान करते हैं. इसके अलावा तथ्य है कि प्रदेश के 52 फीसदी किसानों के पास एक हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है. कम बरसात या गैर कृषि सीजन में वे पशुपालन के भरोसे ही जीवन यापन करते हैं.
इसके अलावा जब प्रदेश के पशुओं में लंपी बीमारी फैली तब पशुओं के इलाज के लिए इस तरह की यूनिवर्सिटी और रिसर्च संस्थाओं की कमी खली थी. लंपी से साल 2021 और 2022 में लाखों पशुओं की मौत हुई थी.