Fish and Milk: कश्मीर से आए मछली पालन के रिकॉर्ड तोड़ आंकड़े, दूध में भी रच रहा इतिहास 

Fish and Milk: कश्मीर से आए मछली पालन के रिकॉर्ड तोड़ आंकड़े, दूध में भी रच रहा इतिहास 

Fish and Milk Production जिस कश्मीर से सिर्फ आतंकवाद, गोलीबारी और बम विस्फोट की खबरें आती थीं, वहां से अब बड़ी ही चौंकाने वाली खबर आ रही है. कश्मीर के युवा मछली पालन और दूध उत्पादन में नई इबारत लिख रहे हैं. केन्द्र सरकार भी राज्य सरकार के साथ मिलकर मछली और पशुपालन से जुड़ी योजनाओं को युवाओं तक पहुंचा रहे हैं. 

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नासि‍र हुसैन
  • new delhi,
  • Jul 03, 2025,
  • Updated Jul 03, 2025, 3:50 PM IST

Fish and Milk Production कश्मीर से एक बहुत ही चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. लेकिन इस रिपोर्ट का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है. कश्मीर में युवा मछली पालन कर रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. इतना ही नहीं दूध उत्पादन में भी नया इतिहास रच रहे हैं. कश्मीर में दूध-मछली उत्पादन के ये आंकड़े देखकर दिल्ली भी गदगद है. यही वजह है कि कश्मीर की इस रिपोर्ट को देखते हुए केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने कश्मीर के लोगों को हर संभव मदद का वायदा किया है. इसी के साथ कश्मीर को 100 करोड़ की लागत से एक्वाकल्चर पार्क देने की भी घोषणा की गई है. 

कश्मीर में 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (यूएचटी) दूध प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने ये ऐलान किया है. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा है कि जल्द एक्वाकल्चर पार्क शुरू हो जाए इसके लिए प्रस्ताव पर गंभीरता के साथ विचार चल रहा है. इस पार्क के बन जाने के बाद कश्मीर के मछली पालन को रफ्तार मिलेगी. लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही खेती कर रहे किसानों की इनकम भी डबल होगी.  

 मछली उत्पादन को लगे पंख, 250 से 800 फीसद का इजाफा

जानकारों की मानें तो मछली उत्पादन क्वालिटी वाले बीज पर टिका होता है. इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए डेनमार्क से रेनबो और ब्राउन ट्राउट मछपलियों के 13.40 लाख आनुवंशिक रूप से उन्नत अंडे (ओवा) आयात की सुविधा दी थी. इससे ट्राउट मछली पालने वालों को अच्छा बीज मिल गया. जिसके चलते ट्राउट मछली का उत्पादन 2020-21 में 650 टन से बढ़कर 2023-24 में 2380 टन हो गया है. इसमे 266 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. वहीं जम्मू-कश्मीर का सालाना मछली उत्पादन 2013-14 में 20 हजार टन से बढ़कर 2024-25 में 29 हजार टन हो गया है. जबकि ट्राउट मछली का उत्पादन 262 टन से बढ़कर 2380 टन हो गया है. ट्राउट के कुल उत्पादन में 800 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. इतना ही नहीं ट्राउट मछली का बीज उत्पादन 90 लाख से बढ़कर 1.5 करोड़ से भी ज्यादा हो गया है, जबकि कार्प मछली बीज उत्पादन चार करोड़ से बढ़कर 6.35 करोड़ हो गया है.

कश्मीर में 47 फीसद बढ़ गया दूध उत्पादन 

केन्द्रीय मंत्री ने कश्मीर में दूध उत्पादन पर बोलते हुए कहा कि आज देशभर में 10 करोड़ से ज्यादा किसान पशुपालन पर निर्भर हैं. इसमे से 90 फीसद से ज्यादा डेयरी पशु छोटे और सीमांत किसानों के पास हैं. उन्हों्ने कहा कि यह क्षेत्र ग्रामीण घरेलू आय में 12-26 फीसद का योगदान देता है. इतना ही नहीं डेयरी सहकारी सदस्यता में 32 फीसद महिलाओं की हिस्सेदारी है. आगे उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में दूध उत्पादन 2014-15 में 19.50 लाख टन से बढ़कर 2023-24 में 28.74 लाख टन हो गया है, जो 47 फीसद की बढ़ोतरी है. 

जम्मू-कश्मीर में खर्च होंगे 420 करोड़ 

केन्द्रीय मंत्री ने इस मौके पर जानकारी देते हुए बताया कि मछली और दूध उत्पादकता के संबंध में मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण और किसानों को बाजारों से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) तथा राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) जैसे प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों को शामिल करते हुए एक योजना तैयार की जा रही है. साथ ही भारत सरकार ने हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पीएमएमएसवाई के तहत 852 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के लिए 300 करोड़ रुपये शामिल हैं. इससे उत्पादन, उत्पादकता, बुनियादी ढांचे और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सकेगा. केन्द्री य मंत्री ने बताया कि एफआईडीएफ के माध्यम से शीत जल मत्स्य पालन में 120 करोड़ रुपये से अधिक के निजी निवेश का समर्थन किया गया है.

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