Animal Care in Monsoon पीने का पानी भी पशुओं के लिए बीमारियों की जड़ और जानलेवा हो सकता है, बेशक ये सुनकर डर लगता हो लेकिन हकीकत यही है. खासतौर से बरसात के दिनों में खुले में पानी पीने वाले पशुओं के लिए ये बहुत ही खतरनाक हो सकता है. पशु जब खुले मैदान और खेत में चरने जाते हैं तो यहां-वहां भरे हुए बरसाती पानी को पीने लगते हैं. इस तरह के पानी में कई तरह के बैक्टीरिया और मच्छरों का लार्वा होता है. जैसे ही पशु इस पानी को पीते हैं तो ये सभी उसके पेट में चले जाते हैं. इसलिए खुले में चरने गए पशुओं का बरसात के दिनों में बहुत ख्याल रखना चाहिए. इसी तरह से हरा चारा भी दूषित हो जाता है. हरे चारे की पत्तिोयों पर भी तमाम तरह के कीटाणु अंडे देते हैं और पत्तियों के ऊपर बैठे होते हैं.
यही वजह है कि हरा चारा देने और पानी पिलाने में जरा सी चूक हुई नहीं कि पशु कई तरह की बीमारी की चपेट में आ जाता है. इसलिए इस मौसम में चारा खिलाने और पानी पिलाने के दौरान खासी सावधानियां बरतनी चाहिए. खुरपका-मुंहपका, थनेला समेत और तमाम बीमारियां भी इस मौसम में पशुओं को अपने चपेट में ले लेती हैं. लेकिन समय-समय पर पशुओं को टीके लगवाते रहेंगे तो पशु बीमारी की चपेट में नहीं आएंगे.
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो बरसात के चलते जगह-जगह पानी भर जाता है. खासतौर पर गांवों की पोखर और तालाब में. लेकिन इसके साथ ही बरसात के इस पानी में कई तरह के कीटाणु पनपने लगते हैं. मच्छर भी जमा हुए पानी पर लार्वा छोड़ने लगते हैं. और जब हमारा पशु इस पानी को पीता है तो वो बीमार पड़ जाता है. इसलिए खासतौर पर बरसात के दिनों में पशुओं को खुले में पानी न पिलाएं. हमेशा से ताजा पानी बाल्टी या किसी और बर्तन में लेकर ही पिलाएं. पानी घर पर ही पिलाएं. हो सके तो गांव के पोखर और तालाब में बारिश का पानी जमा न होने दें. अगर पानी जमा भी हो जाए तो उसमे लाल दवा मिला दें.
एक्सपर्ट के मुताबिक इस मौसम में पशुओं के हरे चारे पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. इस मौसम के हरे चारे पर नमी बहुत होती है. इसके चलते कई तरह के कीड़े हरी पत्तियों और तने पर आकर बैठ जाते हैं. हरे चारे में इस दौरान पानी बहुत होता है. ज्यादा हरा चारा खाने से पशुओं को डायरिया भी हो सकता है. मुमकिन हो तो हरा चारा काटकर और उसे थोड़ा सा सुखाकर ही पशुओं को खिलाएं.
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