राजस्थान में पशुपालन के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले पशुपालकों को सम्मानित किया जाएगा. पशुपालकों को राज्य, जिला और पंचायत समिति स्तर पर चयनित कर पशुपालक सम्मान समारोह में सम्मानित किया जाएगा. इसके लिए जो पशुपालक आवेदन करना चाहते वे 30 नवंबर तक अप्लाई कर सकते हैं. प्रदेश के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा है कि राज्य सरकार हर साल प्रदेश के पशुपालकों को सम्मानित करती है. इसमें पंचायत समिति स्तर, जिला और राज्य स्तर पर बेहतरीन काम करने वाले पशुपालकों को सम्मानित किया जाता है.
पशुपालक सम्मान के लिए प्रदेश का कोई भी पशुपालक आवेदन कर सकता है. इसके लिए पशुपालक अपने नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा संबंधित जिला कार्यालय संयुक्त निदेशक या उप निदेशक पशुपालन विभाग में भी आवेदन किया जा सकता है. कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि अगर कोई जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र के प्रोगरेसिव पशुपालक के आवेदन को आगे कर सकते हैं.
पशुपालन मंत्री ने बताया कि कुल 355 पंचायत समितियों में से प्रत्येक पंचायत समिति से एक पशुपालक, नए बने जिलों सहित कुल 48 जिलों में से प्रत्येक जिले से दो पशुपालकों को सम्मानित किया जाएगा. जिला स्तर पर चयनित पशुपालकों में से ही राज्य स्तर पर सम्मान के लिए दो पशुपालकों का चयन किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस प्रकार कुल 453 पशुपालकों को 60.50 लाख रूपये की बतौर पुरस्कार दी जाएगी. सम्मानित होने वाले इन प्रगतिशील पशुपालक को राज्य स्तर पर 50 हजार रुपये, जिला स्तर पर 25 हजार रुपये और पंचायत समिति स्तर पर 10 हजार रुपये की राशि दी जाएगी.
इस सम्मान के लिए राज्य स्तर पर पशुपालकों का चयन पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति करेगी. जबकि जिला स्तर पर जिला कलक्टर एवं मजिस्ट्रेट और पंचायत समिति स्तर पर उपखंड अधिकारी पशुपालकों का चयन करेंगे. विभागीय अधिकारियों को पंचायत समिति और जिला स्तर पर चयनित पशुपालकों की अंतिम सूची 31 दिसम्बर, 2023 तक भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं.
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इस सम्मान के लिए ऐसे पशुपालकों का चयन किया जाएगा, जिन्होंने पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार कर पशुधन और दूध उत्पादन के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किये हों. साथ ही, ये पशुपालक पशुपालन के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हों.
सम्मान के लिए उन पशुपालकों को वरीयता दी जाएगी, जो पशुपालन विभाग की ओर चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी रखते हों और उनका फायदा भी लिया हो. इसके अलावा विभाग की ओर से समय-समय पर किए जाने वाले कार्यक्रमों या प्रतियोगिताओं में भी पुरस्कृत हो चुके हों.