आखिर गेतलसूद डैम में क्यों हुई मछलियों की मौत, निरीक्षण के बाद लैब भेजे गए सैंपल, रिपोर्ट का इंतजार

आखिर गेतलसूद डैम में क्यों हुई मछलियों की मौत, निरीक्षण के बाद लैब भेजे गए सैंपल, रिपोर्ट का इंतजार

इस घटना के बाद राज्य के कृषि मंत्री बादल ने जांच के आदेश दिए थे साथ ही किसान को हर संभव मदद दिए जाने का आदेश दिए थे. इसके तहत रांची जिला मत्स्य पदाधिकारी अरुप चौधरी ने गेतलसूद स्थित केज का दौरा किया था.

केज का निरीक्षण करते अधिकारी                   फोटोः किसान तककेज का निरीक्षण करते अधिकारी फोटोः किसान तक
पवन कुमार
  • Ranchi,
  • Sep 17, 2023,
  • Updated Sep 17, 2023, 9:30 PM IST

मछली उत्पादन और पालन के क्षेत्र में झारखंड में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं इसका इसर यह हुआ है कि राज्य में उत्पादन में तेजी आई है और नए किसान भी इससे जुड़ रहे हैं और इसे रोजगार के तौर पर अपना रहे हैं. पर राज्य के जलाशयों में बढ़ता प्रदूषण मत्स्य उत्पादन के लिए मछली पालकों के सामने एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. रांची के अनगड़ा प्रखंड स्थित गेतलसूद डैम में भी ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पर केज कल्चर के जरिए मछली पालन करने वाले किसान  भोला महतो की मछलियों की मौत हो गई है. हालांकि मछलियों की मौत किन कारणों से हुई है इसकी अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. 

इस घटना के बाद राज्य के कृषि मंत्री बादल ने जांच के आदेश दिए थे साथ ही किसान को हर संभव मदद दिए जाने का आदेश दिए थे. इसके तहत रांची जिला मत्स्य पदाधिकारी अरुप चौधरी ने गेतलसूद स्थित केज का दौरा किया था. उन्होंने कहा की आज जांच में जो भी बातें सामने आई है उसे विभाग को सौंप दिया जाएगा, साथ ही मछलियों की मौत की असली वजह क्या है इसके लिए मछलियों के सैंपल और पानी के सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद मछलियों की मौत की असली कारण का पता चला पाएगा. 

जिला मत्स्य पदाधिकारी ने किया निरीक्षण

जिला मत्स्य पदाधिकारी ने कहा कि केज में का निरीक्षण करने के दौरान यह पाया गया कि प्रदूषण के कारण मौत नहीं हुई है क्योंकि अगर मौत पानी के प्रदूषण के कारण होती केज के आस-पास स्थित अन्य केज की मछलियों की भी मौत हो सकती थी. पर देखने से ऐसा लगता है कि मछलियों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान भी केज में ऑक्सीजन का स्तर कम पाया गया था. पानी में ऑक्सीजन की कमी होने के कारणों को लेकर उन्होंने कहा कि लगातार तीन दिनों से बादल भी छाए हुए थे इसके कारण पानी में ऑक्सीजन की कमी हो गई होगी. 

ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौत

जांच में यह पाया गया की जिन मछलियों की मौत हुई है उनका वजन 500 ग्राम से लेकर एक किलोग्राम तक था. असल में केज में सात से आठ हजार मछलियों की मौत हुई है. सभी मछलिया मोनोसेक्स तिलापिया ब्रीड की थी. यह ऐसी ब्रीड होती है जो ऑक्सीजन की कमी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाती है. केज में मछलियों की सघनता आकार के हिसाब से अधिक हो गई थी इसलिए ऑक्सीजन की कमी हुई और मछलियों की मौत हुई. वहीं मत्स्य पालक ने कहा उन्हें 10-12 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.  


 

MORE NEWS

Read more!