Biosecurity in Poultry Farm चिकन की डिमांड पूरी करने के लिए ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग की जाती है. एक आंकड़े के मुाबिक देश में हर महीने करीब 40 से 45 करोड़ मुर्गे चिकन की डिमांड पूरी करने के लिए हलाल किए जाते हैं. 30 से 35 दिन में एक ब्रायलर मुर्गा चिकन के लिए तैयार हो जाता है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पोल्ट्री फार्म को बीमारियों से दूर रखा जाए. क्योंकि ब्रायलर मुर्गे के रेट और उस पर मिलने वाला मुनाफा पूरी तरह से उसके वजन पर निर्भर होता है. और वजन के लिए मुर्गे की ग्रोथ तभी होगी जब वो बीमारी से दूर रहेगा.
पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि हर एक पोल्ट्री फार्मर की ये कोशिश होती है कि कम से कम लागत में जल्द मुर्गों का वजन बढ़ जाए. इसलिए पोल्ट्री फार्मर को ये सलाह दी जाती है कि ब्रायलर पोल्ट्री फार्म में मुर्गों का वजन बढ़ाने के लिए बायो सिक्योरिटी अपनाएं. इतना ही नहीं बर्ड फ्लू जैसी घातक बीमारियों से भी मुर्गों को दूर रखकर होने वाले बड़े घाटे से बचा जा सकता है. लेकिन, जरूरी है कि बायो सिक्योरिटी का इस्तेमाल एक्सपर्ट की सलाह पर ही करें.
पोल्ट्री फार्म में ऐसे अपनाए बायो सिक्योरिटी
- किसी भी बाहरी एंट्री को रोकने के लिए पोल्ट्री फार्म की फैंसिंग कराएं.
- पानी में मिनरल्स, बैक्टीरिया, रासायनिक तत्व की जांच कराएं.
- समय-समय पर फार्म से जुड़े वाहनों की सफाई करवाएं.
- वाहनों के लिए पानी-बिजली की सुविधा वाला कंक्रीट का प्लेटफार्म बनवाएं.
- बैग में बंद दाने को स्टोर करने के लिए जगह को साफ रखें.
- फार्म में वाहन और पैदल चलने के लिए सड़क बनवाएं.
- फार्म के अंदर की सड़क की रोजाना सफाई करवाएं.
- फार्म में मरने वाले पक्षियों का निपटान सही जगह और समय से कराएं.
- पोल्ट्री फार्म में जंगली पक्षियों को ना आने दें.
- प्रदूषण रोकने के लिए चारा, कूड़ा और उपकरण को पक्षी शेड से अलग स्टोर करें.
- चूहों और वन्य जीवों को रोकने के लिए शेड से तीन मीटर तक पेड़-पौधे ना लगाएं.
ये उपाय भी करे तो हेल्दी रहेंगे मुर्गे
- फार्म से मुर्गों की सप्लाई के बाद कैमिकल स्प्रे के साथ सफाई करवाएं.
- फार्म के कर्मचारियों को एंट्री से पहले उनके कपड़े-जूते संक्रमण मुक्त कराएं.
- मुर्गों की सप्लाई के बाद नए चूजे लाने में दो हफ्तों का अंतर रखें.
- फार्म में जैविक, रासायनिक और मशीनों से बैक्टीरिया कंट्रोल करने का मैनेजमेंट प्लान बनाएं.
- ब्रायलर पोल्ट्री फार्म में नए चूजे आने के बाद वैक्सीनेशन प्रोग्राम बनाएं.
- चूजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता जांचने के लिए पोस्टमार्टम की मदद ले सकते हैं.
- ब्रीडर फार्म से तीन और लेअर फार्म से डेढ़ किमी की दूरी हो.
- ब्रायलर फार्म प्रमुख सड़क से दूर होना चाहिए.
ये भी पढ़ें- Fish Farming: कोयले की बंद खदानों में इस तकनीक से मछली पालन कर कमा रहे लाखों रुपये महीना
ये भी पढ़ें- Cage Fisheries: 61 साल बाद 56 गांव अपनी जमीन पर कर रहे मछली पालन, जानें वजह