उत्तर प्रदेश का मौसम एक बार फिर बदल गया है. लोगों को उमस वाली गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. हालत ये रहा कि राजधानी लखनऊ, बहराइच, कानपुर, उरई समेत कई जिलों में पारा अधिकतम 35℃ तक पहुंच गया है. मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया जा रहा है कि यह सिलसिला आगे आने वाले दिनों में भी रहेगा. इसके बाद धीरे-धीरे तापमान में 3-4 की बढ़ोतरी होगी.
लखनऊ स्थित अमौसी केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि 28 अगस्त यानी गुरुवार को प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्से में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज- चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. हालांकि इस दौरान प्रदेश में कहीं भी तेज बारिश होने का अलर्ट नहीं जारी किया गया है. लेकिन सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा और मुरादाबाद में हल्की-फुल्की बारिश हो सकती है.
वहीं रामपुर, पीलीभीत और बरेली में भी हल्की बूंदाबांदी के आसार है. इसी तरह श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, संभल, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, गाजियाबाद और बागपत में भी छुटपुट बारिश के आसार जताए गए हैं. गुरुवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुबह से धूप खिली रहेगी. कानपुर में भी मौसम ऐसा ही रहेगा.
मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, 29 और 30 अगस्त को भी प्रदेश में भारी बारिश होने की कोई उम्मीद नहीं जताई गई है. 31 अगस्त से मौसम में थोड़ी तब्दीली जरूर आएगी. इस अवधि में पश्चिमी यूपी में कहीं-कहीं पर भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है. लेकिन पूरी तरह से मौसम 1 सितंबर से ही बदलेगा.
उन्होंने बताया कि 31 अगस्त और 1, 2 सितंबर को प्रदेश के सेंट्रल और तराई बेल्ट में कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है. सिंह ने बताया कि बुधवार को मथुरा में सर्वाधिक 50 मिमी बारिश दर्ज की गई. वहीं बाराबंकी में 48 मिमी, आगरा में 45 मिमी, एटा में 37 मिमी और मिर्जापुर में 35 मिमी बारिश हुई.
एक बार फिर पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का पानी बढ़ने लगा है. राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 22 जिलों की 43 तहसीलें और 768 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन इलाकों में बाढ़ से 2,52,839 लोग प्रभावित हैं, जिन्हें राहत सहायता प्रदान की गयी है. वहीं बाढ़ की वजह से 33,370 मवेशियों को सुरक्षा स्थान पर शिफ्ट किया गया है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से किसी परिवार के मकान को क्षति नहीं पहुंची है. वहीं प्रदेश में 37,279 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में आया है।
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