पिछले 5 दिनों से यूपी में पश्चिमी जोन के अधिकांश जिलों में उमस भरी गर्मी का प्रकोप था. इससे राहत देने के लिए मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में प्रदेश के पश्चिमी जोन के रुहेलखंड और बुंदेलखंड सहित अन्य जिलों में झमाझम बारिश की संभावना जताई है. मौसम के लिहाज से किसानों को मुफीद सलाह देने के लिए यूपी सरकार द्वारा यूपी कृषि अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में गठित मौसम एवं कृषि वैज्ञानिकों के समूह 'क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप' ने मॉनसून के रुख को देखते हुए किसानों और पशुपालकों को खरीफ फसलों की बुआई तेज करने सहित अन्य मुफीद सलाह दी हैं. परिषद के महानिदेशक डा संजय सिंह की अध्यक्षता में हुई 'क्राॅप वेदर वॉच ग्रुप' की बैठक में किसानों को जारी की गई एडवाइजरी में धान की रोपाई के साथ अरहर, मूंगफली और तिल की बुआई करने को कहा गया है. बैठक में मौसम विभाग, कृषि विश्वविद्यालयों के मौसम वैज्ञानिक, धान विशेषज्ञ, पादप रोग वैज्ञानिक, आईसीएआर के तमाम संस्थानों के विशेषज्ञों एवं कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, गन्ना विभाग तथा रेशम विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक गुरुवार को आगरा, औरैया, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, हाथरस, जालौन, झांसी, कानपुर नगर, कानपुर देहात, ललितपुर, मथुरा, प्रतापगढ़, रायबरेली और उन्नाव जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश होने की संभावना है. इसके अलावा 7 से 8 जुलाई के दौरान आगरा, औरैया, हमीरपुर, इटावा, जालौन, झांसी, ललितपुर और महोबा जिलों एवं इनके आसपास के इलाकों में भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है.
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मॉनसून की मौजूदा गति को देखते हुए Crop Weather Watch Group ने कम से कम 3 सप्ताह पहले धान की पौध की रोपाई कर चुके किसानों से खेत में धान रोपने का परामर्श दिया है. इसके अलावा ड्रम सीडर से धान की बुवाई करने वाले किसानों से खेत में पलेवा कर धान की जल्द पकने वाली किस्मों के बीज की 50 से 55 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बुआई करने को कहा है.
धान की रोपाई करने वाले किसानों के लिए खेत तैयार करते समय खेत में 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से जिंक सल्फेट डालना मुफीद रहेगा.
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समूह ने किसानों के लिए जारी एडवाइजरी में कहा है कि मॉनसून की अब तक हुई बारिश के कारण जमीन को मिली नमी को देखते हुए अब अरहर, मूंगफली एवं तिल की बुआई प्राथमिकता से करने की जरूरत है. इसके अलावा समूह ने सोयाबीन,अरहर, मूंगफली एवं तिल की उन्नत किस्मों को बोने के लिए भी इसे अनुकूल समय बताया है. साथ ही श्री अन्न की खेती कर रहे किसानों को ज्वार, कोदों और सावां की भी बुआई का काम अविलंब पूरा करने को कहा गया है.
समूह ने गन्ना किसानों को परामर्श दिया है कि अगर गन्ना की फसल 5 फुट ऊंची हो गई हो तो ढाई फुट की ऊंचाई पर गन्ने की कतारबद्ध तरीके से सूखी पत्तियों से बंधाई कर दें. इसके अलावा बारिश में फसल पर मिलीबग कीट के होने वाले प्रकोप को रोकने के लिए प्रोफेनोफॉस 40 प्रतिशत और साइफर 4 प्रतिशत दवा की 750 मिली मात्रा को 625 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करने को कहा गया है.
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