पिछले कुछ दिनों में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार मार्च महीने में सामान्य से 29 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसमें गेहूं उत्पादित करने वाले पांच राज्यों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसमें पंजाब में सामान्य से 152 फीसदी दर्ज की गई है. इसी तरह हरियाणा में सामान्य से 143 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 191 फीसदी, राजस्थान में 315 फीसदी और मध्य प्रदेश में 211 फीसदी बारिश दर्ज की गई है. अब तक, 22 राज्यों में मार्च की बारिश सामान्य स्तर से 29 फीसदी अधिक थी.
इस बेमौसम बारिश से रबी सीजन की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बेमौसम बारिश से गेहूं और चना को लगभग 10 फीसदी नुकसान होने का अनुमान है. ताे वहीं बेमौसम बारिश से बागवानी और सरसों की फसल भी प्रभावित हुई है. नुकसान काफी ज्यादा है, जिस वजह से देश के उत्तर, पश्चिम और पूर्वी हिस्से प्रभावित हो रहे हैं.
ये भी पढ़ें: यूपी में भी शुरू हुई मोबाइल वेटरनरी एंबुलेंस सेवा, अब घर बैठे होगा पशुओं का इलाज
पंजाब के निदेशक (कृषि) गुरविंदर सिंह ने कहा कि पटियाला, संगरूर, बरनाला, फाजिल्का और फतेहगढ़ साहिब जिलों में बोया गया गेहूं जलभराव और फसलों के गिरने से प्रभावित हुआ है, जिससे फसल की पैदावार में 10-15% की कमी आने की उम्मीद है. पहले का अनुमान. राज्य में 3.4 मिलियन हेक्टेयर (Mha) में गेहूं बोया गया है, जिसमें से लगभग 0.5 मिलियन हेक्टेयर बुवाई क्षेत्र को बेमौसम बारिश ने प्रभावित किया है.
असल में इस साल पांच राज्यों में गेहूं की फसल का उत्पादन अच्छा होने का अनुमान था. असल में इस बार गेहूं के लिए मौसम अनुकूल रहा था. फरवरी में बढ़े हुए तापमान से भी गेहूं की फसल प्रभावित नहीं हुई थी. ऐसे में इस बार बंपर उत्पादन का अनुमान था. पंजाब में ही कृषि विभाग ने पिछले सप्ताह 180-185 लाख टन तक उत्पादन पहुंचने की उम्मीद जताई थी, लेकिन बेमौसम बारिश के चलते गेहूं की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. ये दूसरा साल है, जब गेहूं की फसल को अधिक नुकसान होने की उम्मीद है. पिछले साल मार्च में पड़ी अधिक गर्मी के चलते गेहूं की फसल को नुकसान हुआ था. गर्मी की वजह से गेहूं का दाना परिपक्व नहीं हाे पाया था. इस वजह से उत्पादन में कमी दर्ज की गई थी. इस वजह से पूरे साल गेहूं के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर दर्ज किए गए थे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today