दुनियाभर में क्लाइमेट चेंज के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. पहले जहां ठंड के मौसम में शीतलहर के दिन घट गए, वहीं अब गर्मी के मौसम हीटवेव (लू) के दिनों की संख्या बढ़ने का अनुमान है. अभी भी मौसम में बदलाव ऐसा हो रहा है कि कहीं तो हीटवेव की स्थिति देखने को मिल रही है तो कहीं बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि जैसी स्थितियां बन रही हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आने वाले कुछ दिनों के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है. पढ़िए रिपोर्ट…
IMD के मुताबिक अगले 3 दिनों के दौरान मध्य और आसपास के पूर्वी भारत में मध्यम से तेज गरज के साथ बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है. 2 से 6 अप्रैल के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में गरज के साथ बारिश, वज्रपात और ओलावृष्टि के साथ अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की आशंका है. वहीं, अगले 7 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है.
वहीं, राजधानी दिल्ली के मौसम की बात करें तो यहां मौसम साफ रहेगा, लेकिन कल से तीन दिन तक दिन में तेज सतही हवाएं चलेंगी. आज क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. अगले कुछ दिनों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, जिसके चलते न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा और साेमवार तक अधिकतम तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक होने की संभावना है, जो हीटवेव (लू) की स्थिति दर्शाता है.
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती परिसंचरण मध्य महाराष्ट्र और निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर बना हुआ है. द्रोणिका दक्षिण छत्तीसगढ़ से मध्य महाराष्ट्र और पड़ोस पर चक्रवाती परिसंचरण तक जा रही है और उत्तर-दक्षिण द्रोणिका निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर मध्य महाराष्ट्र से कोमोरिन क्षेत्र तक चक्रवाती परिसंचरण के ऊपर से गुजर रही है. इन वेदर सिस्टम के प्रभाव के चलते और निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नम हवाओं के संगम के कारण 2 अप्रैल को गुजरात, तेलंगाना में गरज, बिजली और 30-60 किमी प्रति घंटे की गति से तेज़ हवाएं चलने के साथ ही छिटपुट से लेकर हल्की या मध्यम बारिश होने के आसार है.
1-4 अप्रैल के दौरान मध्य भारत, ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में ऐसा मौसम रह सकता है इसके अलावा 1-5 अप्रैल के दौरान तमिलनाडु पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे और कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम और 2-5 अप्रैल के दौरान रायलसीमा में ऐसी स्थिति बनने की संभावना है.
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