दिल्ली में शुक्रवार को धुंध की मोटी चादर छाई रही और राष्ट्रीय राजधानी का AQI 362 तक गिर गया, क्योंकि लोगों ने दिवाली के जश्न में खूब पटाखे फोड़े. बैन के बावजूद दिल्ली में चरम पर पटाखे फोड़े गए. दिल्ली ने तीन साल में सबसे प्रदूषित दिवाली भी दर्ज की. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को दिवाली पर शहर का 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 330 दर्ज किया गया, जबकि 2023 में यह 218 और 2022 में 312 होगा.
राष्ट्रीय राजधानी का AQI शुक्रवार को सुबह 9 बजे 362 के साथ 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया. दिल्ली के अधिकांश मॉनिटरिंग सेंटरों पर एक जैसी स्थिति दर्ज की गई. सभी स्टेशनों पर प्रदूषण की हालत चिंताजनक रही. 39 में से 37 मॉनिटरिंग सेंटरों ने एयर क्वालिटी को 'बहुत खराब' श्रेणी में दिखाया. CPCB की ओर से जारी राष्ट्रीय AQI का हर घंटे अपडेट देने वाले समीर ऐप ने बताया कि अलीपुर में AQI 355, आनंद विहार में 396, अशोक विहार में 389, आया नगर में 351, बवाना में 396, बुराड़ी में 394 और मथुरा रोड में 371 दर्ज किया गया.
इसके अलावा आईजीआई एयरपोर्ट पर एक्यूआई 371, द्वारका में 376, जहांगीरपुरी में 390, मुंडका में 375, पटपड़गंज में 365, रोहिणी में 390, सोनिया विहार में 396 और वजीरपुर में 390 रहा. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 को 'संतोषजनक', 101 से 200 को 'मध्यम', 201 से 300 को 'खराब', 301 से 400 को 'बहुत खराब', 401 से 450 को 'गंभीर' और 450 से ऊपर को 'गंभीर प्लस' माना जाता है.
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दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर भी खतरनाक रहा और सुरक्षित लिमिट को पार कर गया. पीएम 2.5 प्रदूषण फैलाने वाले ऐसे कण होते हैं जो बेहद छोटे होते हैं और हमारे श्वसन तंत्र को समा जाते हैं. इससे कई तरह के हेल्थ रिस्क होते हैं, खासकर बच्चो और बुजुर्गों के लिए. शुक्रवार सुबह 6 बजे पीएम 2.5 की मात्रा 207.8 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया. पीएम 2.5 की सेफ मात्रा 60 माइक्रोग्राम मानी जाती है.
दिवाली के दौरान और दिवाली के बाद प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने लगातार 5वें साल पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा. यहां तक कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर निगरानी के लिए 377 टीमें बनाई थीं. इन टीमों को स्थानीय स्तर पर लोगों को पटाखे न जलाने के लिए जागरूक करना था. आस-पड़ोस के क्षेत्रों में पुलिस की टीम भी लगाई गई. अधिकारियों को यह कहते सुना गया कि पटाखे जलाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इन तमाम चेतावनियों के बावजूद दिल्ली में जमकर आतिशबाजी हुई और चारों ओर धुआं-धुआं हो गया.
यहां तक कि दिल्ली आसपास के क्षेत्रों में भी नियमों की धज्जियां उड़ीं. दिल्ली में भी कई इलाके ऐसे रहे जहां कायदे-कानूनों को ठेंगे पर रखा गया. पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली में सबसे ज्यादा उल्लंघन की शिकायतें हैं. यहां जौनापुर, पंजाबी बाग, बुराड़ी और ईस्ट ऑफ कैलाश में आसमान में पटाखों की गूंज सुनाई देती रही.
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पिछले साल पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी और बारिश सहित कई मौसमी परिस्थितियों ने दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी को गैस चैंबर में तब्दील होने से बचा लिया था. लेकिन इस बार क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी. शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी का न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.3 डिग्री अधिक 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार हवा की गति लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी. हवा की तेज गति प्रदूषण फैलाने वाले कणों को हटा देने में मदद करती है, जिससे एयर क्वालिटी में सुधार होता है. शुक्रवार को सुबह 8:30 बजे नमी का स्तर 70 प्रतिशत था. मौसम विभाग ने दिन के दौरान आसमान साफ रहने का अनुमान लगाया है.
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