ओडिशा में जहां एक तरफ भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात है और अधिक पानी के कारण खड़ी फसल और सब्जियों को भारी क्षति पहुंची है वहीं दूसरी तरफ राज्य के गंजम जिले के किसान बारिश की कमी के कारण संकट का सामना कर रहे हैं. प्रदेश के जाजपुर जिले में भारी बारिश के कारण बैरतनण, बुड्ढा और ब्राह्मणी नदियों में आई बाढ़ के कारण जिले के कई प्रखंडों में सब्जियों की फसलों पर बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. लागातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण रसूलपुर, धर्मशाला, जाजपुर बारी समेत अन्य प्रखंडों में बड़े इलाके में सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई है. सबसे ज्यादा नुकसान बैंगन, करेला, खीरा, तुरई, भिंडी, सर्पगंधा, सेम, हरी मिर्च और परवल जैसी मौसमी फसलों पर हुआ है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार धर्मशाला के सब्जी की खेती करने वाले किसान ने कहा कि उन्होंने ब्राह्मणी नदी के किनारे अपने खेत में बैंगन, करेला और ककड़ी की खेती की थी. पर चार दिन पहले उनके खेतों में बाढ़ का पानी घुस गया. अभी भी सब्जियों से भरे खेत पानी में डूबे हुए हैं. इससे सब्जियां सड़ना शुरु हो गई है. उन्होंने बताया कि हर साल उन्हें इस मौसम में बाढ़ का सामना करना पड़ता है. स्थानीय किसानों ने इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की है पर इस मुद्दें पर अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है. इसलिए किसानों की परेशानी बढ़ गई है.
धर्मशाला ही नहीं यही हालात बारी, जाजपुर, बिंझारपुर प्रखंड के किसानों की है. ब्राह्मणी, बुड्ढा, खारास्रोता और बैतरणी नदियों में बाढ़ के कारण उनकी फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके अलावा हजारों हेक्टेयर भूमि पर लगी धान की फसल बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूब गई है. जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार फसल क्षति का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाएगा. इसके बाद नुकसान के आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.
इधर गंजम जिले के किसान बारिश में कमी के कारण सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं. अपर्याप्त बारिश ने जिले के किसानों को गंभीर संकट में डाल दिया है. मानसून की बेरुखी के कारण, जिले कि कृषि बुरी तरह से प्रभावित हुई है इसके कारण किसान काफी परेशान हैं. क्योंकि यहां पर अधिकांश जमीन सिंचाई के लिए वर्षा पर आधारित है. हालांकि शुरुआती दौर में हुई थोड़ी बारिश के बाद यहां के किसानों ने पैक्स से बीज लेकर खेती की थी, पर बीज की गुणवत्ता में शिकायत मिलने के बाद किसानों से खुद से ही बीज की व्यवस्था की थी और खेती की थी, पर बारिश के अभाव में यहां पर पौधे सूख रहे हैं.
हालांकि पिछले सप्ताह इलाके में हल्की बूंदाबांदी हुई थी पर यह पर्याप्त नहीं थी, किसानों का कहना है कि जिस तरह से बारिश हो रही है उससे धान की रोपाई प्रभावित हो सकती है. किसानों का आरोप है कि इतनी परेशानी किसानों को होने के बाद भी कृषि विभाग की तरफ से उनकी मदद के लिए अब तक कोई नहीं आया है. किसानों का कहना है कि यहां पर पानी के उचित भंडारण की व्यवस्था नहीं है इसके कारण 70-80 प्रतिशत पानी बर्बाद हो जाता है.
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